न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 14 जनवरी। वर्तमान समय में सुगम कार्य शैली विकसित करने के लिए संस्थानों में विभिन्न प्रकृति के कर्मचारियों की प्रकृति को देखते हुए उन्हें समायोजित करने की आवश्यकता है। यह विचार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की डीन अकेडमिक अफेयर प्रो. मंजुला चौधरी ने कुवि के मानव संसाधन विकास केंद्र की ओर से ‘लैंगिक मुद्दे व विविधता प्रबन्धन’ विषय आयोजित तीन दिवसीय शॉर्ट टर्म कोर्स के शुभारम्भ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भारत में लैंगिक अंतर को कम करने की आवश्यकता है।
प्रो. मंजुला चौधरी ने लैंगिक मुद्दों से सम्बन्धित विभिन्न आयामों पर विस्तृत प्रकाश डाला इसके साथ ही उन्होंने संस्थानों में कर्मचारियों की उपयोगिता सुनिश्चित करने के लिए सुझावों से परिचित करवाया। इससे पहले शॉट टर्म कार्यक्रम में यूजीसी मानव संसाधन विकास केन्द्र की निदेशिका प्रो. नीरा वर्मा ने मुख्यातिथियों का स्वागत एवं परिचय करवाया।
कार्यक्रम में दूसरे मुख्य वक्ता प्रो. सरस्वती सेतिया ने लैंगिक असमानता, प्रकार, स्वरूप व उनके परिणामों के उपर प्रकाश डालते हुए एक सद्भावपूर्ण व समायोजित समाज के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया। ऑनलाईन कार्यक्रम में कोर्स कोर्डिनेटर डॉ. प्रीति जैन ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया। उन्होंने जानकारी दी कि इस कोर्स में प्रतिदिन चार सत्र होंगे जिनमें देश के प्रतिष्ठित शिक्षाविद् वक्ता अपने अनुभव व ज्ञान का सांझा करेंगे जिससे निःसन्देह सभी प्रतिभागियों को विषय से सम्बन्धित सभी पहलूओं को समझने का मौका मिलेगा।