भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की दी गई विस्तृत जानकारी
एनडी हिन्दुस्तान
कुरुक्षेत्र । भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के अवसर पर रविवार को गणित विशेषज्ञों, गणित शिक्षकों एवं विद्वानों द्वारा उन्हें याद किया गया। इस मौके कार्यशाला, वेबिनार व अन्य कार्यक्रम आयोजित किये गए। इसी क्रम में सीबीएसई गणित शिक्षिका रीटा रानी द्वारा भी अपने विद्यार्थियों को ऑनलाइन व्याख्यान के माध्यम से जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन ने अनेकों उपलब्धियों से देश का नाम रोशन किया है। गणित के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए हर वर्ष 22 दिसम्बर को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है। उन का जन्म 1887 में 22 दिसम्बर को हुआ था। शिक्षिका रीटा रानी ने बताया कि वर्ष 2012 में राष्ट्रीय गणित दिवस की घोषणा की थी। श्रीनिवास रामानुजन का जन्म तमिलनाडु के इरोड में एक तमिल ब्राह्मण अयंगर परिवार में हुआ था। रामानुजन 1903 में कुंभकोणम के सरकारी कालेज में गैर-गणित विषयों के लिए लापरवाही के कारण वह परीक्षा में असफल रहे। शिक्षिका ने बताया कि वर्ष 1912 में रामानुजन ने मद्रास पोर्ट ट्रस्ट में एक क्लर्क के रूप में काम करना शुरू किया। जहां उनके गणितीय ज्ञान को पहचाना गया। रामानुजन को उनके एक सहकर्मी ने ट्रिनिटी कालेज कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में भेजा। रीटा रानी ने बताया कि प्रथम विश्व युद्ध शुरू होने से कुछ महीने पहले रामानुजन ट्रिनिटी कालेज में प्रवेश लिया। वर्ष 1916 में उन्होंने बैचलर ऑफ साइंस (बी.एस.सी.) की डिग्री प्राप्त की। वे 1917 में लंदन मैथमेटिकल सोसायटी के लिए चुने गए। अगले वर्ष उन्हें एलीप्टिक फ़ंक्शंस और संख्याओं के सिद्धांत पर अपने शोध के लिए रॉयल सोसाइटी का फ़ेलो चुना गया। उसी वर्ष अक्टूबर में वह ट्रिनिटी कालेज के फेलो चुने जाने वाले पहले भारतीय बन गए। रीटा रानी ने बताया कि 1919 में रामानुजन भारत लौट आए और एक वर्ष बाद उन्होंने 32 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली।