सफर-ए-शहादत के तहत गुरुद्वारा श्री शीशगंज साहिब तरावड़ी में हुआ शहीदी समागम
रागी व ढाडी जत्थों ने वैरागमयी कीर्तन संगत को किया भाव विभोर
एनडी हिन्दुस्तान
तरावड़ी । हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी द्वारा दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज, माता गुजर कौर, चार साहिबजादों व समूह शहीदों की शहादत को समर्पित सफर-ए-शहादत श्रृंखला के तहत ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री शीशगंज साहिब तरावड़ी में समागम करवाया गया। हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध और धर्म प्रचार चेयरमैन जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल के दिशा-निर्देश पर करवाए गए इस समागम में श्री दरबार साहिब श्री अमृतसर साहिब के हजूरी रागी भाई सरबजीत सिंह पटना साहिब वाले, गुरुद्वारा श्री गुरु ग्रंथसर दादू साहिब के हजूरी रागी भाई गुरसेवक सिंह रंगीला ने शबद कीर्तन किया। समागम में स्वर्ण पदक विजेता भाई सुखविंदर सिंह स्वतंत्र ने अपनी ढाडी वारों से संगत को गुरु इतिहास से जोड़ा। ज्ञानी सरबजीत लुधियाना वालों ने कथा विचार करते हुए संगत के समक्ष शहीदी इतिहास की दास्तान पेश की। भाई गुरसेवक सिंह रंगीला ने शहीदी इतिहास के प्रसंग भी सांझे किए। इस दौरान धर्म प्रचार के सब ऑफिस जींद के प्रभारी भाई सूबा सिंह ने संगत का मार्गदर्शन करते हुए शहीदों से प्रेरणा लेकर जीवन में आगे बढऩे का आह्वान किया। समागम में धर्म प्रचार चेयरमैन जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल, संयुकत सचिव गुलाब सिंह मुनक, दविंदर सिंह हाबड़ी, धर्म प्रचार सचिव सरबजीत सिंह जम्मू, धर्म प्रचार प्रभारी गुरपेज सिंह, सुपरवाईजर वजिंदर सिंह, कुलदीप सिंह, परमजीत सिंह मैनेजर समेत भारी गिनती में संगत ने विशेष रूप से अपनी हाजरी भरते हुए शहीदों को नमन किया।
धर्म प्रचार चेयरमैन जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि भावी पीढ़ी को संभालने, धर्म, गुरमत और गुरबाणी से जोडऩे के लिए माता-पिता को पहले स्वयं भी नितनेम करना पड़ेगा। इसके साथ ही माता-पिता को ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिबान के दर्शन करके इतिहास का ज्ञान होना चाहिए, तभी बच्चें को धर्म व गुरमत ज्ञान मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि संगत को अपने बच्चों को गुरुद्वारा साहिबान प्रतिदिन ले कर जाना चाहिए। यदि हम शहीदी अस्थान श्री फतेहगढ़ साहिब, श्री चमकौर साहिब सहित अन्य ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिबान के दर्शन करवाते हुए बच्चों को इतिहास की जानकारी दे, तो बच्चों को गुरमत व सिख इतिहास का ज्ञान हो सकेगा। जत्थेदार दादूवाल ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी द्वारा सफर-ए-शहादत के तहत करवाए जा रहे समागमों की जानकारी संगत को दी। उन्होंने 27 दिसंबर को अंसध में करवाए जा रहे समागम में शिरकत करने की अपील भी संगत से की। जत्थेदार दादूवाल ने सरबंसदानी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज द्वारा, माता गुजर कौर व साहिबजादों की शहीदी का इतिहास संगत से सांझा किया। उन्होंने कहा कि दशमेश पिता जी ने अत्याचार के खिलाफ, देश व कौम की रक्षा करने के लिए अपना सारा परिवार कुर्बान कर दिया। हमें गुरु साहिब, माता गुजर कौर व साहिबजादों के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने बच्चों को भी ऐसी परवरिश देनी चाहिए ।