Tuesday, December 3, 2024
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तीर्थाटन की बजाय पर्यटन की दृष्टि से कुरुक्षेत्र का विकास कर रहा है केडीबी : जयनारायण शर्मा

by Newz Dex
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श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा ने श्रद्धाभाव से मनाई स्व. नंदा जी की पुण्यतिथि

दुखभंजन मंदिर में यज्ञ आयोजित कर साधुसंतों को खिलाया भोजन

नंदा जी के सपनों को पूरा नहीं कर पा रहा केडीबी : जयनारायण शर्मा

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र,15 जनवरी। श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री एवं कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संस्थापक चेयरमैन स्व. गुलजारी लाल नंदा की पुण्यतिथि सन्निहित सरोवर के तट पर स्थित दुखभंजन मंदिर में श्रद्धा भाव से मनाई गई। इस अवसर पर सभा द्वारा संचालित कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय के आचार्य नरेश के नेतृत्व में वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा यज्ञ में पूर्ण आहुति डलवाई गई। यज्ञ के समापन के पश्चात सभा के सदस्यों ने साधु संतों को भोजन करवाया।

इस अवसर पर सभा के मुख्य सलाहकार एवं केडीबी के पूर्व सदस्य जय नारायण शर्मा एडवोकेट ने स्व. नंदा जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र का जो आज स्वरूप है वह स्व. नंदा जी की देन है। नंदा जी कुरुक्षेत्र को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करना चाहते थे और उनकी इच्छा थी कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र तीर्थाटन की दृष्टि से विकसित हो। लेकिन वर्तमान में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड नंदा जी के सपने को पूरा करने में विफल रहा है। केडीबी कुरुक्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने में लगा हुआ है, जबकि कुरुक्षेत्र का विकास सनातन एवं धार्मिक परंपरा के अनुसार तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करना था।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से ब्रह्मसरोवर में केडीबी के अधिकारियों की नाक के नीचे मछलियां पकड़ने के लिए जाल लगाया गया, वह भी शर्मनाक बात है। केडीबी ब्रह्मसरोवर की पवित्रता को कायम रखने में असफल रहा है। सन्निहित सरोवर की लगातार उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने मांग की है कि कुरुक्षेत्र का विकास नंदा जी की सोच के अनुरूप धार्मिक महता को देखते हुए किया जाना चाहिए। नंदा जी ब्राह्मणों व सनातन परंपरा के प्रेमी थी।

सभा के पूर्व प्रधान कृष्ण कौशिक एडवोकेट ने स्व. नंदा जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र के तीर्थों के विकास में नंदा जी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। वह एक महान कर्मयोगी थे और उन्होंने गुजरात से आकर भगवान कृष्ण की इस भूमि को अपना कार्यस्थल बनाया। ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा ने नंदा जी को तीर्थों के विकास में पूर्ण सहयोग दिया। आज कुरुक्षेत्र भूमि में स्थापित महाभारत कालीन तीर्थों का जो भी विकास हो रहा है वह सब नंदा जी की सोच का परिणाम है।

जिला टैक्सिएशन बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान पृथ्वी नाथ गौतम ने कुरुक्षेत्र के विकास में नंदा जी के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि नंदा जी की प्रतिमा को ब्रह्मसरोवर के पूर्व तट से हटाकर पुरुषोत्तमपुरा बाग में रथ के पास लगाना चाहिए, क्योंकि बाहर से आने वाले श्रद्धालु अधिकतर पुरुषोत्तमपुरा बाग में ही पहुंचते हैं।

इस मौके पर सभा के मुख्य सलाहकार जय नारायण शर्मा, सभा के प्रधान पंडित पवन शर्मा पोनी, संरक्षक डा. सत्यदेव, संरक्षक कृष्ण कौशिक, प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा, संरक्षक एवं पूर्व पार्षद नरेंद्र शर्मा, वरिष्ठ उपप्रधान श्याम सुंदर तिवाड़ी, जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान मनोज कौशिक, सभा के पूर्व प्रधान यशेंद्र शर्मा, पृथ्वी नाथ गौतम, वरिष्ठ उपप्रधान एवं पार्षद नीतिन भारद्वाज लाली, बृज मोहन शर्मा, ज्ञान पराशर, यशपाल शर्मा, विजय शर्मा, बालकृष्ण, राजकुमार काला, सतीश शर्मा, प्रवीण गौतम, राजीव अच्चु स्वामी, विवेक भारद्वाज डब्बू, मुकेश शर्मा, शुभकरण, सुभाष जोशी, अश्विनी गौत्तम, पूर्ण चंद थानेदार, आशुतोष, राजेश्वर कौशिक, सुशील पुजारी, मनीष शर्मा मन्नु, माइचंद सहित सभा से जुड़े अनके गणमान्य लोगों ने यज्ञ में भाग लिया और स्व. नंदा जी को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।

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