Friday, January 10, 2025
Home Chandigarh स्मार्टसर्किट्स इनोवेशन, स्पेस टेक स्टार्ट-अप, स्पेस रिसर्च में इतिहास रचने के लिए तैयार

स्मार्टसर्किट्स इनोवेशन, स्पेस टेक स्टार्ट-अप, स्पेस रिसर्च में इतिहास रचने के लिए तैयार

by Newz Dex
0 comment

स्टार्टअप के रिसर्चर्स ने एक एक्सपेरीमेंट विकसित किया है जो अंतरिक्ष में भारत की पहली एआई लैब का हिस्सा होगा

इसरो का पीएसएलवी-सी60 रॉकेट 30 दिसंबर को एआई लैब को ले जाने वाले सैटेलाइट को कक्षा (ऑर्बिट) में स्थापित करेगा

स्टार्टअप ने अपने स्माल  सैटेलाइट  प्रोग्राम का भी लॉन्च किया

एनडी हिन्दुस्तान

चंडीगढ़ । स्पेस टेक्नोलॉजी (अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी) को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, तीन युवा स्पेस साइंस रिसर्चर्स और स्मार्टसर्किट्स इनोवेशन के संस्थापकों, ने एक पाथ-ब्रेकिंग एक्सपेरीमेंट डेवलप किया है जिसे 30 दिसंबर 2024 को प्रतिष्ठित इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) द्वारा पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरीमेंट प्लेटफॉर्म (पीओईएम) सी60 मिशन के दौरान कक्षा में स्थापित किए जाने वाले उपग्रह में लॉन्च किया जाएगा। युवा स्पेस साइंस रिसर्चर्स, इसरो द्वारा सर्टीफाइड स्पेस ट्यूटर और यमुनानगर, हरियाणा से इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल फैडरेशन के सदस्य हैं। उनके इस रेवोल्यूशनरी एक्सपेरीमेंट को इसरो के पीएसएलवी-सी60 रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। यह उल्लेख करना सटीक है कि स्मार्टसर्किट्स इनोवेशन ने कई ट्राइसिटी स्कूलों में भी सफलतापूर्वक एआई और स्पेस लैब स्थापित किए हैं।

कोर एक्सपेरीमेंट को विजिनरी और दूरदर्शी रिसर्चर्स सौरभ कौशल, राघव शर्मा और सचिन शर्मा द्वारा डिजाइन किया गया है। तीनों ने स्पेस मिशन के बारे में अधिक जानकारी साझा करने के लिए चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक प्रेस मीट को संबोधित किया।

सौरभ कौशल, डायरेक्टर-इनोवेशन, स्मार्टसर्किट्स इनोवेशन ने कहा कि यह एक्सपेरीमेंट सैटेलाइट की सबसे बाहरी सतह पर रखे गए एक्सर्टनल सेंसर का उपयोग करके लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में एक रोलिंग सैटेलाइट के टेम्प्रेचर प्रोफ़ाइल को मापने पर केंद्रित है। लक्स/एम्बिएंट सेंसर का उपयोग करके तापमान की रीडिंग भी ली जाएगी।

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह एक्सपेरीमेंट भारत की पहली एआई स्पेस लैब, माई ऑर्बिटल इंफ्रास्ट्रक्चर – टेक्नोलॉजी डेमोस्ट्रेटर (एमओआई-टीडी) का हिस्सा होगा। एमओआई-टीडी सैटेलाइट पर एक पेलोड होगा। एमओआई-टीडी प्रोजेक्ट का नेतृत्व टेकमी2Sस्पेस द्वारा किया जा रहा है।

राघव शर्मा, डायरेक्टर-टेक्नोलॉजी, स्मार्टसर्किट्स इनोवेशन ने कहा कि “यह इनोवेटिव मिशन ऑर्बिट में रियल टाइम डेटा प्रोसेसिंग की क्षमताओं को प्रदर्शित करेगा, जिससे पृथ्वी पर व्यापक डेटा ट्रांसमिशन की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी और बेहद किफायती स्पेस रिसर्च का रास्ता मजबूत होगा। इस एक्सपेरीमेंट का डेटा आने वाले आगामी अंतरिक्ष मिशनों के लिए स्पेस एजेंसियों के लिए सहायक होगा, क्योंकि तापमान किसी भी स्पेस मिशन के लिए महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।”

यह एक्सपेरीमेंट एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि यह पहली बार है जब हरियाणा स्थित स्टार्ट-अप इस तरह के एक्सपेरीमेंट को ऑर्बिट में भेज रहा है, जो इस रीजन और देश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

राघव ने कहा कि स्कूल के स्टूडेंट्स ने एक्सपेरीमेंट के लिए कोडिंग में काफी सक्रियता से भाग लिया, जो इनक्लूजन और एजुकेशन पर प्रोजेक्ट के फोक्स को सामने लाता है। यह सैटेलाइट लैब स्पेस साइंस और टेक्नोलॉजी का डेमोक्रेटाइजेशन करेगी, जिससे स्टूडेंट और रिसर्चर्स, अंतरिक्ष को लेकर और भी नए नए किफायती प्रयोग कर सकेंगे।

स्मार्टसर्किट्स इनोवेशन ने अपने स्माल सैटेलाइट प्रोग्राम को भी लॉन्च किया, जो स्टूडेंट्स को सैटेलाइट बनाने और लॉन्च करने का मौका प्रदान  करता  है, जिससे रियल-टाइम स्पेस डेटा उनकी आसान पहुंच में आता है।

सचिन शर्मा, डायरेक्टर-बिजनेस, स्मार्टसर्किट्स इनोवेशन  ने कहा कि “हमारा कार्यक्रम, जिसे नियर-स्पेस सैटेलाइट लॉन्च प्रोजेक्ट के रूप में भी जाना जाता है, स्कूलों, यूनिवर्सिटीज और रिसर्चर्स को कम लागत वाले सैटेलाइट्स को डेवलप करने और उन्हें लगभग 50 किमी की ऊंचाई पर लॉन्च करने का अवसर प्रदान करता है, जो धरती के बाहरी आवरण तक पहुंचता है। सभी प्रतिभागी पृथ्वी पर लाइव डेटा प्राप्त कर सकते हैं और बाद में पीओईएम (पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरीमेंटल मॉड्यूल) का उपयोग करके अपने एक्सपेरीमेंट्स को ऑर्बिट में भेज सकते हैं।”

रौनक कुमार सामंत्रे, सीईओ, टेकमी2स्पेस ने सैटेलाइट ऑपरेशंस में चुनौतियों का समाधान करने में एमओआई-टीडी प्लेटफ़ॉर्म को एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उल्लेखनीय रूप से एमओआई-टीडी सबसिस्टम्स, जैसे एयर टॉर्कर, मैग्नेटोर्कर, रिएक्शन व्हील, सन सेंसर, स्पेक्ट्रल सेंसर, कैमरा, ऑनबोर्ड कंप्यूटर (ओबीसी) और फ्लेक्सिबल सोलर सेल का कैरेक्टराइजेशन भी करेगा और एडवांस्ड डेटा एनालसिस और इमेज प्रोसेसिंग के लिए ऑर्बिट में मशीन लर्निंग (एमएल) मॉडल को अमल में लाएगा।

इस मिशन ने नासा के जॉर्ज सालाजार के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा प्राप्त की है। इंटरनेशनल स्पेस सोसायटी के अध्यक्ष श्री मितुल दीक्षित और सर्न की वैज्ञानिक डॉ. इसाबेल पेड्राज़ा ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए रिसर्चर्स की तारीफ की।

You may also like

Leave a Comment

NewZdex is an online platform to read new , National and international news will be avavible at news portal

Edtior's Picks

Latest Articles

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00