कुरुक्षेत्र ।सिख परंपरा में धर्म के लिए समर्पण और त्याग करने का अद्भुत इतिहास रहा हैं ।मुस्लिम आक्रांताओं से धर्म की रक्षा के लिए गुरू तेगबहादुर जी से लेकर गुरू गोविंद सिंह तथा चारों साहिबजादों का बलिदान युगों-युगों तक युवाओं और समाज को प्रेरणा देता रहेगा।इसी शहादत को याद करते हुए आज गीता निकेतन आवासीय विद्यालय में वीर बाल दिवस बड़े श्रद्धा भाव से मनाया गया। वंदना कक्ष में इस अवसर पर सबसे पहले पुष्पार्चन कर छोटे साहिबजादों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद संगीत आचार्य श्रीमती सविता सेठ ने सरसा नदी ते बिछोड़ा पै गया गीत के माध्यम से छोटे साहिबज़ादों को याद किया । छात्रवास में संस्कृताचार्य डॉक्टर अमित धीमान जी ने अपने भाषण में छोटे साहिबजादों की वीरता और साहस को छात्रों के सामने रखा। उन्होंने उनके त्याग और बलिदान के बारे में बताया, जो आज भी हमें प्रेरणा देते हैं।
वहीं दिवसीय विद्यालय में छात्रवास के मुख्य पर्यवेक्षक श्री तेजबीर जी ने मुग़ल शासक के अत्याचारों का वर्णन करते हुए चारों साहिबज़ादों अजीत सिंह, जुझार सिंह, ज़ोरावर सिंह व फतेह सिंह की निर्भीकता व निडरता का वर्णन किया । तत्पश्चात एक वीडियो के माध्यम से छोटे साहिबजादों की कुर्बानी को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम के अंत में भागीरथ जी ने शब्द गायन के द्वारा छोटे साहिबजादों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस आयोजन ने विद्यार्थियों को वीरता, साहस और धर्म की रक्षा के महत्व को समझने का अवसर दिया।
पहिला मरण कबूलि जीवण की छडि आस
होहु सभना की रेणुका तउ आउ हमारै पास
साहिबज़ादों की शहादत को याद कर मनाया गया वीर बाल दिवस
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