कोलकाता के कलाकारों ने दिखाया गौड़िया नृत्य
गौड़िया नृत्य से सजी हरियाणा कला परिषद की साप्ताहिक शाम
गौड़िया नृत्य में दिखाई शिव महिमा, डा. महुआ मुखर्जी के नृत्य ने मनवाया लोहा
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र,16 जनवरी। भारत प्रतिभाओं का देश है। समूचे भारतवर्ष में प्रत्येक शहर, गांव तथा कस्बे में ऐसे उम्दा कलाकार देखने को मिलते है जो अपनी प्रतिभा के दम पर सभी को दांतो तले उंगलियां दबाने को मजबूर कर देते हैं। ऐसे ही बेहतरीन कलाकारों ने हरियाणा कला परिषद की साप्ताहिक संध्या में अपनी प्रतिभा से सभी को आनंदित किया। गौरतलब है कि हरियाणा कला परिषद् द्वारा कोरोना महामारी के चलते विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया रहा है। जिसमें हरियाणा प्रदेश के अतिरिक्त अन्य प्रदेशों के कलाकारों की प्रतिभा का दर्शन प्रदेशवासियों को करने का अवसर मिल रहा है। इन कार्यक्रमों से न केवल आमजनमानस का मनोरंजन हो रहा है, अपितु सभी को संस्कृति के विभिन्न आयामों को जानने का अवसर भी मिल रहा है।
इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल के पारम्परिक नृत्य गौड़िया की प्रस्तुति हरियाणा कला परिषद द्वारा करवाई गई। जिसमें विश्व विख्यात नृत्यांगना डा. महुआ मुखर्जी व साथी कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। साप्ताहिक संध्या का संचालन हरियाणा कला परिषद के मीडिया प्रभारी विकास शर्मा ने किया। कार्यक्रम से पूर्व कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने अपने विचार सांझा करते हुए कहा कि सभी नृत्यों का मूल शास्त्रीय नृत्य हैं। नृत्य साधना में कलाकार अपनी प्रतिभा में निखार लाते हुए जहां एक ओर भारतीय संस्कृति को जन जन तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं वहीं देश को सांस्कृतिक दृष्टि से भी समृद्ध बना रहे हैं। ॉ
इसी तर्ज पर प्रतिभावान कलाकार डा. महुआ मुखर्जी गौड़िया नृत्य को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में कामयाब रही हैं। डा. महुआ मुखर्जी के अनुसार गौड़िया नृत्य उस समय से प्रचलित है, जब बंगाल को गौड़िय के नाम से जाना जाता था। गौड़िया नृत्य की पहचान को कायम रखने के लिए डा. मुखर्जी द्वारा भारत में असंख्य जगहों पर इस नृत्य की प्रस्तुति के साथ साथ एंथेस, अमेरिका, ओकलाहोमा, मैमफिश, सिंगापुर, बांग्लादेश सहित दुनियां के कईं देशों में अपनी नृत्य प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी हैं।
साप्ताहिक संध्या में पहली प्रस्तुति चण्डी वंदना की रही, जिसमें महिला कलाकारों ने नृत्य के माध्यम से मां चण्डी की आराधना की। इसके बाद सौम्य भौमिक, सुनिष्ठा मण्डल, पूर्णिमा चटर्जी, सुदेशना मजूमदार और पारोनीता बैनर्जी ने रास लीला नृत्य में भगवान कृष्ण और गोपियों को दर्शाया। अगली प्रस्तुति डा. महुआ मुखर्जी की रही, जिसमें बाल कृष्ण की अठखेलियों को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। अयान मुखर्जी और सुदेशना मजूमदार द्वारा प्रस्तुत शिव पार्वती नृत्य ने सभी का मन मोहा। अंतिम प्रस्तुति नवदुर्गा नृत्य की रही, जिसमें महिला कलाकारों ने गौड़िया नृत्य के माध्यम से दुर्गा के नौ रुपों को दिखाया। कार्यक्रम में संगीत अमिताव मुखर्जी का रहा। एक के बाद एक बेहतरीन प्रस्तुति में कलाकारों की प्रतिभा और जोश ने सभी को मदमस्त कर दिया। अंत में मीडिया प्रभारी विकास शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।