प्रदेश सरकार के प्रयास से अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में राजस्थान प्रदेश बना पार्टनर राज्य,
अढ़ाई फीट के छोटे कद के कलाकार मूंगा राम बने आकर्षण का केन्द्र,
सरस मेले में राजस्थान ने लगाई प्रदर्शनी
चंडीगढ़। अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में पहली बार प्रदेश सरकार के प्रयासों से पहली बार राजस्थान पार्टनर राज्य की भूमिका निभा रहा है। इस प्रदेश के कलाकारों ने पिहोवा की पावन धरा पर राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को अनोखें अंदाज में प्रस्तुत करने का काम किया। इस प्रदेश के कलाकारों में अढ़ाई फीट के एक छोटे से कद का कलाकार मूंगा राम महोत्सव में मुख्य आकर्षण का केन्द्र बना रहा।
हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के विशेष प्रयासों से इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव के साथ एक नया अध्याय जोड़ने का काम किया है। इस वर्ष राजस्थान राज्य को महोत्सव में पार्टनर राज्य के रूप में आमंत्रित किया गया। इस निमंत्रण के बाद राजस्थान के कलाकारों ने महोत्सव में खूब रंग जमाया। इतना ही नहीं राजस्थान की तरफ से प्रदर्शनी में एक स्टॉल भी लगाया है। इस स्टाल पर राजस्थान के अधिकारियों और कर्मचारियों की तरफ से पर्यटकों और दर्शकों को राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में विस्तार से जानकारी देने का प्रयास किया गया है। यह पर्यटन स्थल इनक्रेडिबल इंडिया की श्रेणी में शुमार है। इस स्टाल के माध्यम से लोगों को राजस्थान के प्रमुख तीर्थों का अवलोकन करने का न्यौता भी दिया जा रहा है।
बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान के कलाकारों ने मुख्य मंच पर सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। इन कलाकारों के ग्रुप में छोटे कद के कलाकार मूंगा राम ने सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया। इस कलाकार ने राजस्थान की लोक नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राजस्थान के पार्टनर राज्य के रूप में पहल थी और आने वाले समय में अन्य राज्यों को भी सरस्वती महोत्सव में पार्टनर स्टेट के रूप में निमंत्रण दिया जाएगा। जब दूसरे राज्यों के कलाकार पिहोवा की धरा पर पहुंचेंगे तो निश्चित ही यह कलाकार अपने-अपने प्रदेश में जाकर पिहोवा सरस्वती तीर्थ का गुणगान करेंगे। इससे पिहोवा को पर्यटन स्थल के रूप में भी एक पहचान मिलेगी। इसके साथ ही यहां के लोगों को दूसरे राज्यों की लोक कलाओं और संस्कृति से रूबरू होने का अवसर भी मिलेगा।
सरस्वती महोत्सव में आज कवि सम्मेलन होगा आकर्षण का केन्द्र
बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में 1 फरवरी को साध्वी ऋद्घिका किशोरी की कथा होगी, सायं 5 बजे सरस्वती तीर्थ तट पर डा.स्वरित एवं अन्य कलाकारों द्वारा भजन संध्या की प्रस्तुति दी जाएगी, सायं 6 बजे आरती होगी तथा मुख्य मंच पर सायं 6:30 बजे कवि सम्मेलन का आयोजन होगा इस कवि सम्मेलन में दीपक सैनी, राजेश चेतन, मास्टर महेन्द्र, रजनी और अवनी प्रमुख कवि के रूप में अपनी प्रस्तुतियां देंगे।