एमएचयू- वेस्ट्रर्न सिडनी यूनि. आस्ट्रेलिया बागवानी के लिए अनुसंधान और शिक्षा पर अनुबंध: डॉ सुरेश मल्होत्रा
एनडी हिन्दुस्तान
करनाल । वेस्ट्रर्न सिडनी यूनि. आस्ट्रेलिया प्रतिनिधि मंडल ने शुक्रवार को महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल का दौरा किया। एमएचयू कैंपस में पहुंचने पर एमएचयू के माननीय कुलपति डॉ. सुरेश कुमार मल्होत्रा ने वैस्ट्रर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि मंडल का स्वागत किया।प्रतिनिधि मंडल में निदेशक प्रो. इयान एडरसन तथा डॉ कोपल चौबे अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय सहयोग वेस्ट्रर्न सिडनी यूनिवर्सिटी शामिल रहे।
प्रतिनिधिमंडल ने सिडनी वेस्ट्रर्न यूनिवर्सिटी द्वारा बागवानी के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के बारे में एमएचयू के माननीय कुलपति को अवगत कराया, उन्हें वहां पर किस प्रकार से बागवानी की खेती को किसानों के लिए लाभप्रद बनाया गया हैं। इन सबके बारे में जानकारी दी। इस दौरान दोनों ही विश्वविद्यालय के बीच हुए एमएचयू की प्रगृति के बारे में विचार विमर्श किया गया। सर्व प्रथम एमएचयू कुलपति डा सुरेश मल्होत्रा ने करनाल में बन रहे एमएचयू के मैन कैंपस का वॉक थ्रू दिखाया, जिसे देखकर आस्ट्रेलिया का प्रतिनिधिमंडल खासा प्रभावित हुआ।
इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के विद्यार्थियों ओर वैज्ञानिकों से मिलने की इच्छा जताई। जिस पर माननीय कुलपति ने प्रतिनिधिमंडल को एमएचयू के बागवानी महाविद्यालय का भ्रमणषठषं कराया। जहां पर प्रतिनिधिमंडल ने एमएचयू के वैज्ञानिकों से बातचीत कर उनके विषयों के बारे में जाना, उनके द्वारा किए जा रहे शोध पर बातचीत की। कॉलेज के विद्यार्थियों ने प्रतिनिधिमंडल से आस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी ओर एमएचयू द्वारा प्रदान की जाने वाली दोहनी डिग्री के बारे में जानकारी हासिल की, कई विद्यार्थियों ने सवाल भी पूछे। सवालों में मुख्य प्रश्न एडमिशन की प्रक्रिया, स्कॉलशिप की संभावनाएं, डिग्री की मान्यता, इंटरशिप, कृषि उद्योग, स्टार्टअप, एंटरप्रन्योरशिप विषयों पर चर्चा हुई। जिनके जवाब प्रतिनिधिमंडल सदस्यों ने बखूबी दिए।
हाईटेक बागवानी, सतत बागवानी, जलवायु परिवर्तन व सहनशीलता आदि विषयों पर अनुबंध होगा
माननीय कुलपति डॉ. सुरेश कुमार मल्होत्रा ने बताया कि एमएचयू- वेस्ट्रर्न सिडनी यूनि. आस्ट्रेलिया शिक्षा, शोध पर मिलकर काम करेंगे। जिसमें हाईटेक बागवानी, सतत बागवानी, जलवायु परिवर्तन व सहनशीलता आदि विषयों पर अनुबंध होगा। माननीय कुलपति ने बताया कि प्रदेश सरकार ने बागवानी पर विशेष ध्यान देते हुए करनाल में उद्यान विश्वविद्यालय की स्थापना की है ताकि मैदानी इलाके किसान भाईयों को विशेष लाभ पहुंच सके, वे बागवानी की खेती जैसे सब्जियां, फल, फूल, मसाले की खेती कर आर्थिक उन्नित की ओर बढ़े। इसके लिए एमएचयू द्वारा बेहतर बागवान तैयार करेंगी, जो बागवानी की खेती कर रहे किसानों की दिक्कतों को दूर करेंगे। यही नहीं एमएचयू सीधे तौर पर किसानों को साथ जोड़ेंगी, उनकी उन्नति के लिए हर संभव प्रयास करेंगी।
भारत ओर आस्ट्रेलिया में बागवानी के क्षेत्र में अपार संभावनाएं
वेस्ट्रर्न सिडनी यूनि. आस्ट्रेलिया निदेशक प्रो. इयान एडरसन ने कहा कि आस्ट्रेलिया बड़ा देश हैं, जहां की जनसंख्या कम हैं। लेकिन बागवानी की खेती कर आस्ट्रेलिया का किसान न केवल अपने देश की जरुरतों को पूरा कर रहा है साथ ही दूसरों देश के लिए फल सब्जियों की जरुरतों को पूरा करने में सहयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ओर आस्ट्रेलिया में बागवानी के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है, रोजगार के असीमित अवसर हैं। इन अवसरों को दोनों ही विश्वविद्यालय मिलकर बागवानी के क्षेत्र में अनुसंधान एवं शिक्षा को बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। इसी कड़ी में दोनों ही विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थी दोहरी डिग्री भी हासिल कर सकेंगे।
ये रहे मौजूदमौके पर अनुसंधान निदेशक ओर डीन प्रो रमेश गोयल ने एमएचयू की उपलब्धियों के बारे के बारे में जानकारी दी साथ ही प्रतिनिधिमंडल का एमएचयू में आने पर धन्यवाद किया। मौके पर रजिस्ट्रार सुरेश सैनी, डीन पीजीएस डॉ धर्मपाल, छात्र कल्याण निदेशक प्रो रंजन गुप्ता, विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ विजय पाल यादव, डॉ एससके अरोड़ा, डा सुरेंद्र सिंह, डॉ सहरूण, डॉ गौरव सहित अन्य मौजूद रहे।