छात्राओं के प्रेरणा वृद्धाश्रम में पहुंचने पर बुजुर्गों के भी चेहरे खिले उठे
एनडी हिन्दुस्तान
कुरुक्षेत्र । बच्चों को भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों को जोड़े रखने के लिए नगर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, स्कूलों एवं कालेजों के विद्यार्थियों को प्रेरणा वृद्धाश्रम का भ्रमण करवाया जाता है। वृद्धाश्रम में पहुंच कर बच्चे बुजुर्गों से मिलकर बड़ों के सम्मान एवं अपनेपन की भावना को सीखते हैं। इसी उद्देश्य से जयराम कन्या महाविद्यालय की छात्राएं प्रेरणा वृद्धाश्रम में पहुंची तो वृद्धाश्रम के चेहरे खिले उठे। प्रेरणा संस्था की अध्यक्षा रेणु खुंगर ने कहा कि प्रेरणा वृद्धाश्रम के बुजुर्ग इन बच्चियों से ऐसे मिले मानों दोहतियां व पोतियां उनसे मिलने आई हों। जयराम कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने वृद्धाश्रम के बुजुर्गों के साथ खूब मस्ती की। बुजुर्गों के साथ नाच गाना भी हुआ। छात्राओं ने प्रेरणा वृद्धाश्रम के बुजुर्गों से अपनेपन में काफी देर तक बातचीत की। बुजुर्गों के जीवन के खट्टे मीठे अनुभवों के साथ ही ऐसे बातचीत की मानों परिवार के सदस्य मिलने पहुंचे हों। कई छात्राएं भी भावुक हो उठी तथा बुजुर्गों से ऐसे गले मिली मानों दादा दादी व नाना नानी से मिल रही हों। एनएसएस शिविर के अंतर्गत पहुंची छात्राएं यह सुनकर भी दंग रह गई कि कुछ बुजुर्गों को किस प्रकार से उनकी संतान ने उन्हें घर से निकाल दिया। छात्राओं बुजुर्गों को व्यथा सुनकर प्रण लिया कि जीवन में हमेशा बुजुर्गों का सम्मान करेंगी। छात्राओं ने वृद्धाश्रम के बुजुर्गों के साथ बैठकर खाना खाया और उनके साथ समय बिता कर उन्हें कुछ पल की खुशियां देने का प्रयास किया। प्रेरणा वृद्धाश्रम की लाइब्रेरी का भी भ्रमण किया। प्रेरणा संग्रहालय का अवलोकन किया। जयराम कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या डा. सुदेश रावल ने कहा कि इस प्रकार से के भ्रमण से छात्राओं के अंदर बुजुर्गों के प्रति सेवा भाव, अपनत्व की भावना जागृत होती है। साथ ही समाज के यथार्थ रूप का पता चलता है। उन्होंने प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक एवं संचालक डा. जय भगवान सिंगला के साथ अध्यक्षा रेणु खुंगर का भी आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उषा सच्चर, क्षमा मल्होत्रा, बलविंदर कौर, सीता, सरला, शकुंतला, सुरक्षा, चरणजीत, अश्विनी, जोगिंदर, बलदाऊ श्रीवास्तव, चंद्रकांत डी. ठक्कर, पंकज मेहता एवं विजय अग्रवाल इत्यादि भी मौजूद रहे।