अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई को मिली मजबूती
एनडी हिन्दुस्तान
चंडीगढ़ । हरियाणा रेरा ट्रिब्यूनल ने एक ऐतिहासिक निर्णय में भूमि-उपयोग नियमों का उल्लंघन करने पर मानेसर में पुराने राव ढाबे को हटाने का आदेश दिया है। ट्रिब्यूनल ने गुरुग्राम के जिला नगर नियोजन (डीटीपी) के प्रवर्तन विंग को 27 जनवरी, 2025 को निर्देश देते हुए कहा कि यह अनधिकृत संरचना 90 दिन के अंदर – अंदर हटाई जाए और भूमि को उसकी मूल स्थिति में बहाल कर रिपोर्ट सौंपी जाए।
यह निर्णय लाल सिंह यादव बनाम हरियाणा राज्य (अपील संख्या 17/2021) के मामले में आया है। ट्रिब्यूनल ने पाया कि यह ढाबा राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे प्रतिबंधित नियंत्रित क्षेत्र के रूप में नामित भूमि पर अवैध रूप से बनाया गया था। इसने “ज़ोनिंग-लॉ” अनुपालन नहीं किया था।
अनधिकृत निर्माणों पर ट्रिब्यूनल का रुख
ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस (सेवानिवृत्त) राजन गुप्ता ने इस मामले में निर्णय सुनाते हुए कहा ,“हरियाणा राज्य साइट को उसकी मूल स्थिति में बहाल करने के लिए स्वतंत्र है।” ट्रिब्यूनल ने इस बात पर भी जोर दिया कि अनधिकृत निर्माणों को, खास तौर पर राजमार्गों के आसपास बने रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ट्रिब्यूनल ने 18 अगस्त, 2021 के अपने पहले के आदेश को बरकरार रखते हुए फिर से पुष्टि की कि ऐसी संरचनाएं नियंत्रित क्षेत्र के नियमों का उल्लंघन करती हैं और उन्हें हटाया जाना चाहिए।
प्रवर्तन और अनुपालन
कार्यवाही के दौरान ट्रिब्यूनल ने पूछा कि क्या गुरुग्राम के डीटीपी (प्रवर्तन) इस ढाबे को हटाने की प्रक्रिया पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
हरियाणा रेरा ट्रिब्यूनल का यह निर्णय भूमि-उपयोग कानूनों को लागू करने और राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे अनधिकृत वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को रोकने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
निर्णय का महत्व
हरियाणा रेरा ट्रिब्यूनल यह निर्णय नियंत्रित क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमणों के खिलाफ एक मजबूत मिसाल कायम करता है। यह उन लोगों के लिए एक चेतावनी के रूप में भी कार्य करता है जो बिना मंजूरी के संरचनाएं बना रहे हैं।