Sunday, February 23, 2025
Home Kurukshetra News बेदखल व्हीलचेयर क्रिकेटरों और स्पेशली-एबल्ड निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया

बेदखल व्हीलचेयर क्रिकेटरों और स्पेशली-एबल्ड निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया

by Newz Dex
0 comment

चेशायर होम से जबरदस्ती निकाले जाने को लेकर इंसाफ मांगा

एनडी हिन्दुस्तान

चंडीगढ़ ।  चंडीगढ़ व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के सदस्यों और चेशायर होम के दूसरे स्पेशली-एबल्ड निवासियों द्वारा बुधवार को विरोध प्रदर्शन कर इंसाफ मांगा गया। ये सभी लोग सेक्टर 21 के हाउस नंबर 341 में बने ‘चेशायर होम’ में रह रहे थे। चेशायर होम में रह रहे इन सभी को हाल ही में चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों द्वारा परिसर से बेदखल कर दिया गया था। ‘चेशायर होम’ के बाहर आयोजित विरोध प्रदर्शन में शारीरिक रूप से दिव्यांग प्रदर्शनकारियों के साथ एम्पॉवर एनजीओ के सदस्य भी शामिल हुए। बेदखल किए गए दिव्यांग लोग और व्हीलचेयर क्रिकेटर लंबे समय से सेक्टर 21 के घर में रह रहे थे।

विरोध प्रदर्शन के दौरान दिव्यांगों को अचानक ही घर से बेदखल करने और उनके साथ कठोर व्यवहार पर समुदाय के आक्रोश को सभी के सामने रखा गया।

एमपॉवर एनजीओ की संस्थापक शर्मिता भिंडर ने कहा  कि “दिव्यांग खिलाड़ियों को यूटी प्रशासन द्वारा चेशायर होम से बाहर निकालना एक जानबूझकर उठाया गया कदम और सोची  समझी साज़िश थी , क्योंकि व्हीलचेयर क्रिकेट टीम इंडिया फाइनल के लिए ग्वालियर में थी। बिना किसी पूर्व सूचना  के वे पुलिस बल के साथ पहुंचे और खिलाड़ियों का सामान बाहर फेंक दिया। चेशायर होम का बोर्ड तोड़ दिया गया था, और निवासियों का सामान अंदर छोड़कर कमरों को सील कर दिया गया था।”

भिंडर ने कहा कि प्रशासन ने विस्थापित व्हीलचेयर यूजर्स के आवास के लिए कोई प्रावधान नहीं किया, जिससे वे बिना किसी सहारे के पूरी तरह से सड़क पर आ गए हैं। मूक-बधिर और मानसिक रूप से दिव्यांग व्हीलचेयर यूजर पूजा को सेक्टर 15 में ले जाया गया, जबकि अन्य को गैर सरकारी संगठनों और कुछ अन्य मददगार लोगों द्वारा सहायता प्रदान की गई, और अंततः उन्हें शहर के भीतर ही आश्रय मिला।

चंडीगढ़ व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के कप्तान वीर सिंह संधू, जो अपनी टीम चंडीगढ़ को चौथा नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट जीतने के बाद हाल ही में शहर लौटे हैं, ने अपनी परेशानी साझा की। उन्होंने कहा, ”यह सब कुछ हमारी गैर-मौजूदगी में किया गया, जब हम टूर्नामेंट के लिए ग्वालियर में थे। हमारे सामने आने वाली शारीरिक चुनौतियों के बावजूद, हमने ‘व्हीलचेयर क्रिकेट’ के नेशनल टूर्नामेंट में शहर का नाम रोशन किया है। इसके बावजूद, निवासियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया और कड़ाके की ठंड में बिना कुछ सोचे-समझे उन्हें बाहर निकाल दिया गया।”

संधू ने यह भी कहा कि,  मामला  अदालत में होने के बावजूद , प्रशासन ने कोई पूर्व सूचना नहीं भेजी और बेदखली से पहले आवास की उचित व्यवस्था भी नहीं की ।

टी.पी.एस. बैंस के पोते जसबीर पाल सिंह बैंस, जो संपत्ति के मूल मालिक थे, भी मौजूद थे, उनके पिता सेना में मेजर थे और बीमार थे, उन्होंने बताया की 1992 में दुरुपयोग के आधार पर प्रशासन ने प्रॉपर्टी को रिज्यूम कर लिया था । बैंस ने बताया कि तब से उनके परिवार ने प्रॉपर्टी को फिर से रीइंस्टेट  करने हेतु के लिए जुर्माना भरने के लिए आरटीआई के बाद आरटीआई दायर की है, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है।

चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा प्रदान की गई इमारत में चलाए जा रहे साधना वोकेशनल इंस्टीट्यूट की संस्थापक और अध्यक्ष भावना तायल ने कहा कि वह प्रशासन द्वारा प्रदान की गई सहायता की सराहना करती हैं, और भले ही वे चल रही स्थिति से सीधे जुड़े नहीं हैं, लेकिन जब निवासियों को जबरन संपत्ति से हटाया गया तो वह यहां थीं और उन्हें जलपान कराने आई थीं। उन्हें लगता है कि प्रशासन के साथ एनजीओ के पिछले अनुभवों के विपरीत स्थिति को बहुत अमानवीय तरीके से संभाला गया।

शर्मिता भिंडर ने कहा कि “प्रशासन के इस अमानवीय व्यवहार को चुनौती देने के लिए, हमने 341 सेक्टर 21 ए के में निवासियों के रहने के अधिकार की बहाली की मांग करते हुए अपीलीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है। हम चेशायर होम से इसके निवासियों के गैरकानूनी निष्कासन के खिलाफ इंसाफ की मांग करते हैं और हमारा पूरा विश्वास है कि आखिरकार इंसाफ की जीत होगी।”

You may also like

Leave a Comment

NewZdex is an online platform to read new , National and international news will be avavible at news portal

Edtior's Picks

Latest Articles

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00