सिर पर कफन बांध कर आए हैं किसान,आज भी दो किसानों की मौत-टिकैत
तीन कृषि कानून वापिसी नहीं तो घर वापिसी नहीं टिकैत ने फिर दोहराया
वार्ता में एनआईए के नोटिसों पर भी उठा सवाल,केंद्रीय मंत्री तोमर बोले पता करूंगा
न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली,20 जनवरी। तीन कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली में भारत सरकार के प्रतिनिधियों के साथ हुई किसान संगठनों के नेताओं की 10 वें दौर की बैठक भी बेनतीजा खत्म हुई।आज की बैठक में सरकार ने 18 महीनें तक कृषि कानूनों को स्थगित करने का प्रस्ताव किसान संगठनों के प्रतिनिधयों के समक्ष रखा था,जिस किसान नेताओं ने ठुकराते हुए तीन कृषि कानूनों को रद करने से कम किसी भी प्रस्ताव को मानने से साफ इंकार कर दिया। इस वार्ता के दौरान किसान नेताओं ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दो टूक कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून रद नहीं होंगे,तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। किसान नेता राकेश टिकैत ने पत्रकारों से बातचीत में साफ कहा कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड नया इतिहास रचेगी। उन्होंने कहा कि किसानों की इस परेड का अगर सरकारी अमले से रोकने का और खुली सड़कों को जाम करने का प्रयास किया गया तो यह सड़के जाम ही रहेंगी। उन्होंने फिर दोहराया कि अगर बिल वापिसी नहीं तो किसानों की घर वापिसी भी नहीं होगी। किसान अपने घरों से सिर पर कफन बांध कर आए हैं। आज भी आंदोलन में शामिल दो किसानों की मौत हो चुकी है। इनमें से एक किसान की हार्ट अटैक और दूसरे किसान की कुछ दिन पहले जहर निगलने के बाद आज अस्पताल में मौत हुई है। आज की बैठक में एनआईए द्वारा किसानों और किसानों के समर्थन में लिखने वाले पत्रकारों को नोटिस दिये जाने का मुद्दा भी उठाया गया, जिसके जवाब में केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि वह इसके बारे में पता करेंगे। वहीं वार्ता के बाद जब पत्रकारों ने टिकैत से इस पर सवाल के साथ यह पूछा कि क्या एनआईए जैसी एजेंसियां सरकार के दबाव में काम कर रही हैं। इसके उत्तर में टिकैत ने अपनी चिरपरिचित शैली में कहा कहा कि क्यों नहीं,करना भी चाहिये,वो सरकार की एजेंसियां है,सरकार से बाहर कैसे होंगी और सरकार के कहने पर तो काम करना ही पड़ेगा।