खेल नर्सरियों में खिलाड़ियों की बायोमेट्रिक से होगी हाजिरी, पंचकूला से होगा शुभारंभ
खिलाड़ियों का इंश्योरेंस करवाया जाएगा, ताकि चोटिल होने पर इलाज करवाने में उन्हें मिले सहूलियत
एनडी हिन्दुस्तान
चंडीगढ़ ।हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम ने कहा कि हरियाणा खेलों का पावर हाऊस बन चुका है। हमारे खिलाड़ी ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप, एशियन व कामनवेल्थ खेलों में और अधिक पदक जीते इसलिए खिलाड़ियों को और ज्यादा खेल सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। खेल नर्सरियों और ज्यादा प्रभावी व सशक्त बनाया जाएगा। इसी कड़ी में खेल नर्सरियों में खिलाड़ियों की बायोमेट्रिक से हाजिरी होगी और हाजिरी पूरी होने पर ही उन्हें खुराक भत्ता दिया जाएगा। इससे पारदर्शिता रहेगी और ग्रांट का भी सही ढंग से योग्य खिलाड़ियों तक लाभ पहुंचेगा। फिलहाल पंचकूला के ताऊ देवीलाल खेल स्टेडियम की नर्सरी के खिलाड़ियों की बायोमेट्रिक से हाजिरी शुरू करवाई जाएगी और इसमें सफलता मिलने पर प्रदेश के अन्य स्टेडियमों व खेल नर्सरी वाले स्कूलों में बायोमेट्रिक से खिलाड़ियों की हाजिरी शुरू की जाएगी।
वे आज यहां सिविल सचिवालय में खेल विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। खेल मंत्री श्री गौरव गौतम ने कहा कि खेल विभाग की ओर से खिलाड़ियों का इंश्योरेंस करवाया जाएगा, ताकि चोटिल होने पर वे ठीक से अपना इलाज करवा सकें और निरंतर अभ्यास कर प्रदेश के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत सकें।
उन्होंने कहा कि जिला स्तर के स्टेडियमों व ब्लाक स्तर पर बनाए गए राजीव गांधी खेल स्टेडियमों को चकाचक बनाया जाएगा। खेल के मैदानों को दुरुस्त किया जाएगा और भवनों की मरम्मत का कार्य सुचारू रूप से करवाया जाएगा। इसके लिए खेल विभाग की इंजीनियरिंग विंग को मजबूत किया जाएगा। एसडीओ व जेई की भर्ती करवाई जाएगी, ताकि स्टेडियमों में बनने वाले मल्टीपर्पज हॉल व अन्य भवनों के निर्माण में देरी न आए।
उन्होंने कहा कि जल्द ही सोनीपत में कुश्ती और पानीपत में बाक्सिंग की एक्सीलेंसी शुरू की जाएगी, जिसमें खिलाड़ियों के रहने के लिए हॉस्टल की व्यवस्था रहेगी। इससे खिलाड़ियों को अभ्यास करने में सहूलियत रहेगी।
उन्होंने कहा कि मार्शल आर्ट का बढ़ावा देने के लिए यमुनानगर में बंदा सिंह बहादुर मार्शल आर्ट स्कूल का निर्माण करवाया जाएगा।
खेल मंत्री गौरव गौतम ने निर्देश दिए कि खेल डायरेक्टर व डिप्टी डायरेक्टर जिलों में जाकर खेल स्टेडियमों की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करें और उसी के हिसाब से वहां पर खेलों के उपकरण व अन्य संसाधनों की व्यवस्था करवाएं। इसके अलावा खिलाड़ियों का अभ्यास करवाने में लापरवाही बरतने वाले खेल प्रशिक्षकों की भी सूची तैयार की जाए।