एनडी हिन्दुस्तान
करनाल। तीन नये आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर आज यहां जिला सचिवालय में ट्रेनिंग का आयोजन किया गया। इस ट्रेनिंग में करनाल न्यायालय के सभी न्यायाधीश व जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए। ट्रेनिंग में न्याय श्रुति, ई-समन, ई-साक्ष्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
एनआईसी उप निदेशक(सामान्य) शशि कांत शर्मा ने तीन नये कानूनों-भारतीय नागरिक सुरक्षा संहित, भारतीय न्याय संहित और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के क्रियान्वयन को लेकर सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी। उन्होंने क्रियान्वयन को लेकर आ रही दिक्कतों संबंधी सवालों के जवाब दिये। साथ ही कहा कि इन कानूनों को लागू करने का मुख्य उद्देश्य लोगों को त्वरित न्याय प्रदान करना है।
उपनिदेशक ने बताया कि नये कानूनों को लागू करने के लिये पायलट तौर पर यहां की दो अदालतों-जिला सत्र न्यायालय और ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट का चयन किया गया है। इनमें जल्दी ही जरूरी डिजीटल उपकरण उपलब्ध कराये जायेंगे। श्री शर्मा के अनुसार न्याय श्रुति ऐप के माध्यम से सभी अदालतों, जेल, पुलिस थाने, फोरेंसिक लैब को जोड़ा जायेगा। उन्होंने बताया कि ई-साक्ष्य के लिये अपराध स्थल का वीडियो और फोटो जरूरी है जिन्हें 48 घंटे के भीतर कोर्ट में प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने कहा कि नये डिजीटल प्लेटफॉर्म और कानूनों के माध्यम से न्याय प्रणाली में अपेक्षित सुधार संभव है।
बैठक में जिला एवं सत्र न्यायाधीश, एडीजे, सीजेएम, जेएसआईसी, आईजी पुलिस कुलदीप सिंह, उपायुक्त उत्तम सिंह, एसपी गंगाराम पूनिया, एसपी जेल लखवीर बराड़, डीआईओ एनआईसी कमल त्यागी, जिला न्यायवादी पंकज सैनी आदि मौजूद रहे।