Friday, November 22, 2024
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धर्मनगरी में श्रद्धाभाव से मनाया खालसा पंथ संस्थापक श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का प्रकाश उत्सव

by Newz Dex
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गौरवमयी सिख इतिहास से जोड़ बच्चों को नितनेम के लिए करें प्रेरित : हरभजन सिंह मसाना

गुरु साहिब के जीवन आदर्श, त्याग एवं समर्पण से ले शिक्षा : तजिंदरपाल सिंह लाडवा

नितनेम करने वाला ही बनता है गुरु कृपा का पात्र : भाई गुरदास सिंह

नाम सिमरन ही मानव को आवा-गमन से दिलाता है छुटकारा : भाई गुरपाल सिंह

गुरु साहिब के जीवन आदर्श, त्याग एवं समर्पण से हमें शिक्षा लेनी चाहिए।

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र, 20 जनवरी।खालसा पंथ के संस्थापक दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का प्रकाश उत्सव धर्मनगरी के ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी में श्रद्धाभाव से मनाया गया। इस पवित्र दिन के उपलक्ष्य पर गुरुद्वारा साहिब में धार्मिक दीवान सजाया गया, जिसमें पंथ के सिरमौर रागी व ढाडी जत्थों ने सिख संगत को गुरु साहिबान की शिक्षाओं से अवगत कराते हुए गुरु इतिहास से जोड़ा। समागम में विशेष रूप से शिरकत करने पहुंचे एसजीपीसी कार्यकारिणी कमेटी मैंबर जत्थेदार हरभजन सिंह मसाना ने कहा कि धर्म प्रचार के लिए अपनी भावी पीढी को गौरवमयी सिख इतिहास व गुरु साहिबान की शिक्षाओं से जोडऩा होगा। इसके लिए जरुरी है कि उन्हें प्रतिदिन गुरुद्वारा साहिब लाया जाए और नितनेम करने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों पर सबसे अधिक असर उनके माता-पिता की कार्यशैली का भी होता है, इसलिए हमें भी सुबह उठ कर नाम सिमरन करना चाहिए। यह देख कर बच्चों का झुकाव गुरबाणी की ओर होगा और वे दिन की शुरुआत गुरबाणी से करेंगे। इसके अलावा हमें गुरु साहिबान की शिक्षाओं और उनके जीवन की भी बच्चों को जानकारी देनी चाहिए, तांकि उन्हें प्रेरणा मिल सकें। 

गुरुद्वारा साहिब के हैड ग्रंथी भाई गुरदास सिंह ने संगत का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि गुरबाणी जीवन का निचोड़ है और इसे आत्मसात करने से जिंदगी खुशहाल बनती है। नितनेम करने वाला प्राणी गुरु कृपा का पात्र बनता है, जबकि निंदा करने और केवल अपना स्वार्थ देखने वाला व्यक्ति कभी भी ईश्वर का चहेता नहीं बन सकता। हैड ग्रंथी ने कहा कि गुरु साहिब ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान किया और हमें दूसरों एवं जरुरतमंद लोगों की सहायता करने का एक अनोखा संदेश भी दिया। इसलिए हमें हर जरुरतमंद की अपनी क्षमतानुसार मदद करनी चाहिए। 

कथावाचक भाई गुरपाल सिंह ने कहा कि गुरबाणी जीवन जीने की कला सिखाती है। गुरु साहिबान की शिक्षाओं और उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए हमें नाम सिमरन करना चाहिए। नाम सिमरन ही मानव को 84 लाख योनि के आवा-गमन से छुटकारा दिला सकता है। धर्म प्रचार कमेटी के मैंबर जत्थेदार तजिंदरपाल सिंह लाडवा ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के जीवन पर बोलते हुए कहा कि गुरु साहिब के जीवन आदर्श, त्याग एवं समर्पण से हमें शिक्षा लेनी चाहिए। उन्होंने जिस तरह से गुरु साहिब ने अपना सब कुछ धर्म व कौम पर कुर्बान कर दिया, वह दुनिया के लिए एक मिसाल है। 

इस दौरान शिरोमणि अकाली दल महिला विंग हरियाणा प्रदेशाध्यक्षा बीबी रविंदर कौर, प्रदेश प्रवक्ता कवलजीत सिंह अजराना, शहरी प्रधान तजिंदर सिंह मक्कड़, एसजीपीसी सब ऑफिस प्रभारी परमजीत सिंह दुनियामाजरा, सिख मिशन हरियाणा के प्रभारी ज्ञानी मंगप्रीत सिंह, गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर अमरिंदर सिंह, शिअद जिला प्रधान जरनैल सिंह बोढी, राजिंद्र सिंह सोढी, प्रताप सिंह, युद्धवीर सिंह, जज सिंह, अमृत सिंह विर्क सहित भारी संख्या में संगत ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज के समक्ष शीश नवाया। 

श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी ने कीर्तन कर संगत को किया
समागम में श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी भाई जगदीप सिंह मुख्य रूप से गुरबाणी कीर्तन करने यहां पहुंचे। उन्होंने अपनी सुरीली आवाज में कीर्तन कर संगत को निहाल किया। धर्म प्रचार कमेटी के कविशरी भाई गुरिंदरपाल सिंह बैंका के जत्थे ने अपनी रचनाओं से श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के जीवन प्रसंग संगत के समक्ष बाखूबी ढंग से पेश किए। इसके अलावा गुरुद्वारा साहिब के हजूरी रागी भाई बलविंदर सिंह ने भी कीर्तन कर संगत को निहाल किया। 

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