प्रदेश के कॉलेजों में 4465 पद खाली, 39 में तो प्रिंसिपल तक नहीं- हुड्डा
एनडी हिन्दुस्तान
चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी ने प्राइमरी से लेकर उच्चतर समेत प्रदेश के पूरे शिक्षा तंत्र का बंटाधार कर डाला है। स्कूलों से लेकर कॉलेज और यूनिवर्सिटी तक हर जगह टीचर्स के आधे पद खाली पड़े हुए हैं। एक तरफ बीजेपी नई शिक्षा नीति को लेकर ढिंढोरा पीट रही है तो वहीं दूसरी तरफ आरटीआई के जरिए सरकार की मौजूदा शिक्षा नीति व नीयत का खुलासा हो रहा है। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 281 सरकारी और एडेड कॉलेजों में टीचर्स के आधे से ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं। कॉलेजों में 7986 पद स्वीकृत है लेकिन इनमें से सिर्फ 3358 पर ही नियमित शिक्षक नियुक्त हैं और 4465 पद खाली पड़े हुए हैं। 39 एडेड कॉलेज तो ऐसे हैं जहां प्रिंसिपल तक नहीं है। सरकार बताए कि बिना टीचर्स के विद्यार्थियों को कैसी शिक्षा दी जा रही है?
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पिछले दिनों आई नीति आयोग की रिपोर्ट ने भी बीजेपी की प्रदेश सरकार को आईना दिखाया था। नीति आयोग की रिपोर्ट से पता चला है कि उच्च शिक्षा के मामले में हरियाणा अन्य राज्यों से कहीं ज्यादा पीछे है। यहाँ तक कि अपने निकटतम पड़ोसी राज्यों से भी हरियाणा पिछड़ गया है। रिपोर्ट के लिए शिक्षा के लिए वित्तपोषण, रैंकिंग और गुणवत्ता को आधार बनाया गया था। नीति आयोग की रिपोर्ट में पता चला कि विश्वविद्यालय रैंकिंग के मामले में भी हरियाणा के अन्य राज्यों की तुलना में खराब प्रदर्शन कर रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार पड़ोसी राज्यों की तुलना में शिक्षा क्षेत्र पर कम बजट खर्च करती है। यहां तक कि 2 साल पहले हरियाणा सरकार ने राज्य के सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को अनुदान सहायता के स्थान पर ऋण देने का प्रस्ताव रखा था। प्रदेश सरकार शिक्षा पर जीडीपी का महज 2% खर्च करती है, जबकि नई शिक्षा नीति 6% खर्च करने की सिफारिश करती है? बीजेपी के शिक्षा के प्रति उदासीन रवैये के चलते उच्च शिक्षा में ड्रॉपआउट रेट लगातार बढ़ रहा है और कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के कोर्स में बड़ी संख्या में सीटें खाली रह रही हैं।
प्रदेश के स्कूलों की हालत का अंदाजा भी लगातार अखबारों में छप रही खबरों से लगाया जा सकता है। पिछले दिनों ही खबर आई थी कि सिरसा के कालांवली के स्कूल में 96 छात्राओं के लिए सिर्फ एक गेस्ट टीचर की नियुक्ति की गई है। उसी टीचर पर सभी क्लास की छात्राओं को पढ़ाने, स्कूल का रिकॉर्ड मेंटेन करने, मीटिंग्स में जाने व मिड डे मील तक की जिम्मेदारी है। यह खबर बताती है कि बीजेपी सरकार ने प्रदेश के शिक्षा तंत्र की क्या हालत बना दी है। क्योंकि सिर्फ कालांवली में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के सरकारी स्कूलों का यही हाल है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि प्रदेश के 28 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी विद्यार्थी नहीं है। 262 ऐसे स्कूल हैं, जहां सिर्फ 1 से लेकर 10 तक ही विद्यार्थी हैं। 520 ऐसे स्कूल हैं, जहां 11 से लेकर 20 तक ही विद्यार्थी हैं। 8 मिडिल स्कूल ऐसे हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या शून्य है। 12 स्कूल ऐसे हैं जहां विद्यार्थियों की संख्या 1 से 10 है और 73 ऐसे हैं जहां संख्या मात्र 11 से 20 है। एक हाई स्कूल भी ऐसा है, जहां एक भी विद्यार्थी नहीं है। यह आंकड़े चीख-चीख कर बीजेपी सरकार की शिक्षा नीति की पोल खोल रहे हैं।
हुड्डा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में दलित, पिछड़े वर्ग, गरीब व किसान वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं। लेकिन बीजेपी इन वर्गों को हरेक सुविधा और शिक्षा से वंचित करना चाहती है। इसीलिए नए स्कूल बनाना तो दूर, बीजेपी सरकार पहले से स्थापित स्कूलों में बिजली, पानी, टॉयलेट और बैठने के लिए बेंच तक मुहैया नहीं करवा रही है।
सरकारी स्कूलों की खस्ता हालत से नाराज होकर पिछले दिनों हाई कोर्ट ने बीजेपी-जेजेपी सरकार पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। सरकार द्वारा हाई कोर्ट में दिए गए हलफनामे से पता चलता है कि आज हरियाणा के 131 सरकारी स्कूलों में पीने का पानी तक नहीं है। 236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं दिया गया। हर घर शौचालय का नारा देने वाली सरकार ने 538 स्कूलों में लड़कियों के लिए एक भी शौचालय नहीं बनवाया। 1047 स्कूलों में तो लड़कों के लिए भी शौचालय नहीं है। छात्रों के लिए स्कूलों में 8240 और क्लासरूम की जरूरत है। यही वजह है कि सरकारी स्कूलों में ड्रॉप आउट विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
आज भी खुद शिक्षा मंत्री मानते हैं कि स्कूलों में टीचर्स की भारी कमी है और ड्रॉप आउट रेट बहुत ज्यादा है। बावजूद इसके सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे। बीजेपी को बताना चाहिए कि 10 साल से सत्ता में होने के बावजूद बीजेपी ने स्कूलों की हालत सुधारने के लिए क्या किया? बीजेपी ने सत्ता में आते ही टीचर्स और खासकर जेबीटी टीचर्स की भर्तियां क्यों बंद कर दी?
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में बेहतरीन शिक्षा व्यवस्था स्थापित की थी। इसके लिए महेंद्रगढ़ में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनवाया गया था था। प्रदेश में 12 नए सरकारी विश्वविद्यालय बनवाए, 154 नए पॉलिटेक्निक कॉलेज, 56 नए आईटीआई, 4 नए सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज खोले गए थे। बाबा साहेब अंबेडकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बनाई। प्रदेश में आईआईएम, आईआईटी एक्सटेंशन, ट्रिपल आईटी कैंपस जैसे राष्ट्रीय स्तर के दर्जनभर संस्थान स्थापित करवाए थे। साथ ही राजीव गांधी एजुकेशन सोसाइटी सोनीपत में बनवाई, जिसमें देश की कई प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी बनी हैं।
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान 2623 नए स्कूल बनाए गए, 1 नया सैनिक स्कूल रेवाड़ी, 6 नए केंद्रीय विद्यालय बनवाए और हर जिले में DIET खोले थे। कांग्रेस ने 25000 जेबीटी, 25000 टीजीटी-पीजीटी, स्कूल स्टाफ, 50000 यूनिवर्सिटी, इंस्टीट्यूट स्टाफ समेत शिक्षा विभाग में 1 लाख से अधिक नौकरियां दी थीं। जबकि बीजेपी सरकार में करीब 50 हजार पक्के पद खाली पड़े हुए हैं।