शिक्षा विभाग के सैकड़ों शिक्षक अपनी मांगों के समाधान की मांग को लेकर मस्जिद ग्राउंड में एकत्रित हुए
यूटी चंडीगढ़ में पिछले 20 वर्षों से कोई नियमितीकरण नीति नहीं,
केंद्रीय सेवा नियमों में प्रतिनियुक्ति का प्रावधान नहीं, प्रतिनियुक्ति पर आए शिक्षकों को उनके मूल राज्यों में वापस भेजा जाए: रणबीर राणा
एनडी हिन्दुस्तान
चंडीगढ़ । चंडीगढ़ के शिक्षा विभाग (स्कूल) में सैकड़ों अतिथि/संविदा शिक्षकों को जो नियमित पदों पर काम कर रहे है उनके संबंधित पदों पर नियमित किया जाए,सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए), एसटीटी, सीआरसी और यूआरसी के तहत शिक्षकों के लिए पदों का सृजन करवा कर और जो सभी नियमों का पालन करते हुए भर्ती किए गए थे और वर्षों से संतोषजनक सेवा दे रहे हैं, उन्हें स्थायी पद दिए जाएं और नियमित किया जाए।
जॉइंट एक्शन कमेटी ऑफ टीचर्स के बैनर तले आज यहां आयोजित सम्मेलन में सभी श्रेणियों के शिक्षकों ने अपनी जायज मांगों को पूरा करने में विफल रहने पर प्रशासन पर जमकर निशाना साधा।
शिक्षकों ने आरोप लगाया कि वे पिछले 14 से 24 वर्षों से चंडीगढ़ के विभिन्न सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने उनकी नौकरी की सुरक्षा के लिए कोई सुरक्षित नीति नहीं बनाई है और न ही उन्हें नियमित किया है। इसके कारण शिक्षा विभाग में कार्यरत 500 से अधिक अतिथि/अनुबंध शिक्षकों को लगातार अपनी नौकरी जाने का डर सता रहा है, जिससे उन्हें डर के माहौल में काम करना पड़ रहा है, जिससे उनका पूरी तरह से शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो रहा है। इसी प्रकार सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए नियमित पद सृजित करने और उन्हें स्थायी रूप से नियुक्त करने की मांग उठाई गई। सीआरसी और यूआरसी शिक्षकों को टीजीटी स्केल नहीं दिया जा रहा है और एसटीसी शिक्षकों के वेतन में वृद्धि नहीं की जा रही है। गौरतलब है कि ये शिक्षक पिछले 14 से 24 वर्षों से शिक्षा विभाग में सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से नौकरी की सुरक्षा और अन्य लाभों की मांग की है। शिक्षकों की संयुक्त कार्रवाई समिति के बैनर तले हजारों शिक्षकों और कर्मचारियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन को रणबीर राणा, सविंदर सिंह, भाग सिंह, खुशाली शर्मा, दिनेश पटियाल, केसर सिंह, राजिंदर कुमार, शिव मूरत, गुरप्रीत कौर,रंजीत मिश्रा, धर्मेंद्र राही, गोपाल दत्त जोशी, प्रभु नाथ सही, कमलजीत व अन्य ने संबोधित किया।
ज्वाइंट एक्शन कमेटी का मानना है कि जब सरकार व प्रशासन शिक्षकों को उचित सुविधाएं देने में विफल है तो बच्चों का भविष्य कैसे उज्ज्वल होगा? हालांकि मौजूदा सांसद मनीष तिवारी व पूर्व सांसद किरण खेर ने अपने चुनावी एजेंडे में अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने का बार-बार वादा किया है, लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
एक और ज्वलंत मुद्दा केंद्रीय सेवा नियमों में प्रतिनियुक्ति नीति का रहा , हाल ही में चंडीगढ़ प्रशासन ने सभी विभागों में पत्र जारी कर साफ किया है की चंडीगढ़ में केंद्र के नियम के हिसाब से ही डेपुटेशन होगा और उसमे अधिक से अधिक सात साल तक डेपुटेशन पर कर्मचारी रह सकेंगे, सम्मेलन में मांग की गई की चंडीगढ़ प्रशासन के अधीन अन्य विभागों की तरह चंडीगढ़ के शिक्षा विभाग में भी प्रतिनियुक्ति नीति लागू हो और शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति कोटा समाप्त करने की मांग उठाई गई।
महासचिव शिव मूरत यादव ने कहा कि शिक्षा विभाग में कार्यरत हजारों अतिथि/अनुबंध/एसएसए शिक्षक ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें उनकी दशकों की सेवा का कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है। उनका वेतन व महंगाई भत्ता रोका जा रहा है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, जिससे शिक्षा में सुधार केवल कागजों पर ही दिखाई दे रहा है, हकीकत में नहीं, क्यूंकि शिक्षक अपने नौकरी की सुरक्षा को लेकर परेशान रहते है।
शिक्षक यूनियन के प्रधान रणबीर सिंह राणा ने शिक्षा विभाग और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उन्होंने सभी श्रेणियों के शिक्षकों की मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया तो सभी शिक्षक सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे और इसके लिए शिक्षा विभाग व प्रशासन जिम्मेदार होगा। उन्होंने चंडीगढ़ में डेपुटेशन सिस्टम को समाप्त करने पर भी जोर दिया।
इन शिक्षकों की मांग है कि पिछले 14 से 24 वर्षों से कार्यरत अतिथि/अनुबंध शिक्षकों को उनके मौजूदा पदों पर नियमित किया जाए या उन्हें नौकरी की सुरक्षा दी जाए। इसके अतिरिक्त सर्व शिक्षा अभियान के तहत नियमित पद सृजित किए जाएं, सीआरसी व यूआरसी शिक्षकों को टीजीटी स्केल दिया जाए, अतिथि/अनुबंध व एसएसए शिक्षकों का लंबित डीए जारी किया जाए, एसटीटी और कंप्यूटर शिक्षकों का वेतन बढ़ाया जाए, उप प्राचार्य पद सृजित किए जाएं, नियमित शिक्षकों की आकस्मिक छुट्टी बढ़ाई जाए, एमएसीपी का लाभ दिया जाए और काउंसलरों को छुट्टियों के दौरान वेतन दिया जाए समेत अन्य मांगें ज्ञापन में रखी गई हैं।
शिक्षक यूनियन के अध्यक्ष सविंदर सिंह ने सभी श्रेणियों के नियमित शिक्षकों के लिए समय पर पदोन्नति, प्रिंसिपलों के लिए तत्काल डीपीसी, केंद्रीय नियमों के अनुसार स्वास्थ्य कार्ड जारी करने, सभी सरकारी स्कूलों में उप-प्रधानाचार्य के पदों का सृजन, नियमित शिक्षकों के लिए सी-छुट्टियों की संख्या में वृद्धि और पिछली अर्ध-वेतन/चिकित्सा अवकाश नीतियों को बहाल करने की मांग की। उन्होंने आगे कहा कि जेएसी का प्रतिनिधिमंडल शिक्षकों की मांगों के शीघ्र समाधान के लिए शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों और चंडीगढ़ के सांसद से मिलेगा। यदि शिक्षा विभाग शिक्षकों की वास्तविक मांगों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देने में विफल रहता है, तो जेएसी एक मजबूत आंदोलन शुरू करेगा।
इस सम्मेलन में चंडीगढ़ की विभिन्न यूनियनों जैसे सी टी यू, चंडीगढ़ यू टी एस एस फेडरेशन, चंडीगढ़ बिजली कर्मचारी यूनियन, सेक्टर 16 हॉस्पिटल यूनियन , यूटी चंडीगढ़ एस एस फेडरेशन ने मांगों को जायज ठहराते हुए समर्थन किया अपना विचार व्यक्त किया।