कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. सोमनाथ ने दी बधाई
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 26 जनवरी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और कला और भाषा संकाय के डीन डॉ. जेबी गोयल को भारत के उच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने डॉ. जेबी गोयल को बधाई देते हुए कहा कि यह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पद्म पुरस्कार भारत के नागरिकों को कला, विज्ञान, साहित्य, चिकित्सा, सामाजिक सेवाओं और खेल सहित विभिन्न क्षेत्रों में उनके विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है।
गौरतलब है कि डॉ. जेबी गोयल हिंदी और पंजाबी साहित्य के प्रख्यात विद्वान हैं। उन्होंने आधुनिक साहित्य जगत के लिए गुरुमुखी लिपि में मध्यकालीन साहित्य को प्रकाश में लाने के लिए पथप्रदर्शक शोध किया है। डॉ. गोयल ने पिछले पांच दशकों के दौरान पांडुलिपियों और पुराने प्रकाशनों की एक विशाल श्रृंखला को कवर करते हुए 150 से अधिक शोध पत्र व 32 पुस्तकें प्रकाशित की हैं। डॉ. गोयल ने हिंदी और पंजाबी साहित्यिक दुनिया के लिए, हरियाणा भाई संतोख सिंह की 19 वीं सदी के कवि और उनकी महाकाव्य कविताओं, जिसमें दस सिख गुरुओं के जीवन और शिक्षाओं के आधार पर लगभग साठ हजार छंद शामिल थे, को फिर से खोजा। डॉ. गोयल द्वारा खोजी गई कविता युग के सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक इतिहास को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करती है और इसे आध्यात्मिकता और वीरता की भावना के साथ आत्मसात किया जाता है। डॉ. गोयल ने गुरु नानक देव, गुरु अरुण देव और गुरु तेग बहादुर के लेखन पर गहन शोध किया। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह के लेखन और आनंदपुर साहिब में उनके संरक्षण में निर्मित साहित्य पर शोध और पुस्तकों को महान विद्वता के कार्य के रूप में मान्यता दी है।
डॉ. गोयल के अनुसार यह सिख साहित्यिक परंपरा भारतीय संस्कृति का गौरवशाली, समृद्ध और मूल्यवान हिस्सा है। यह आध्यात्मिकता, वीरता, राष्ट्रवाद, मानवतावाद और सामाजिक समानता और सामाजिक न्याय की भावना की उच्च भावना के साथ है। यह उदात्त नैतिक और मानवीय मूल्यों, जैसे सत्य, आत्म-नियंत्रण, संतोष, करुणा और सेवा के कर्तव्य के साथ निहित है।
डॉ. जेबी गोयल ने इस उपलब्धि के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का विशेष धन्यवाद किया और बताया कि उन्होंने अपना अधिकतर लेखन कार्य विश्वविद्यालय मंच से ही किया है। उन्होंने इसके लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार प्रकट किया है।