न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 28 जनवरी। शिरोमणि अकाली दल हरियाणा के प्रदेश प्रवक्ता कवलजीत सिंह अजराना ने कहा कि दिल्ली में किसान आंदोलन को लेकर कई प्रकार के भ्रम फैलाए जा रहे हैं, मगर सरकार के मनसूबे सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च में लाखों किसानों ने भाग लिया है, जिससे सरकार घबरा चुकी है। वे ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी में बातचीत कर रहे थे। अजराना ने कहा कि सरकार ने एक साजिश के तहत किसान आंदोलन पर दाग लगाने का प्रयास जरुर किया है। इस साजिश के तहत लाल किले में किसानी और खालसा झंडा लहराया गया है। रही बात तिरंगे के मान-अपमान की, तो वहां ऐसा कुछ नहीं हुआ।
राष्ट्रीय ध्वज का पूरा मान-सम्मान किया गया है। खालसाई निशान को खालीस्तान का झंडा बताया जा रहा है, जो कि अनुचित है। देश की रक्षा और तिरंगे के लिए सिखों ने असंख्या कुबार्नी दी है, लेकिन अब सिखों को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने पिछले दिनों खालसाई झंडे का अपमान करने वालों को भी चेताया कि भविष्य में ऐसा दुस्साहस न करें। उन्होंने कहा कि लाल किले पर लहराने वाले खालसाई झंडे को चीन पर फतेह करने के बाद सिख रैजीमैंट इसी खालसाई झंडे को लहराती है। पीएम नरेंद्र मोदी श्री आनंदपुर साहिब या फिर श्री दरबार साहिब श्री अमृतसर में शीश नवाने जाते हैं, तो पीएम नरेंद्र मोदी इसी निशान को पीएम नरेंद्र मोदी अपने माथे पर बांध कर जाते हैं। उन्होंने कहा कि सिखों और हिंदुओं में टकराव की स्थिति बनाने के लिए यह किया जा रहा है, लेकिन हिंदू-सिख एकता मजबूत है। गोली लगने से एक नौजवान की शहीदी के बाद कुछ लोगों में आक्रोष जरुर फैला, लेकिन किसानों ने अपना संयम नहीं खोया।
पंजाबी कलाकार दीप सिद्धू के बारे में पूछे गए सवाल पर अजराना ने कहा कि असलियत सभी के सामने हैं। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के साथ दीप सिद्धू की फोटो वायरल हो गई हैं और अब जब किसानों ने यह मुद्दा उठाया है, तो भाजपा चुप्पी साधे हुई है। इसी दीप सिद्धू ने लाल किले पर झंडा फहराया है, तो भाजपाई बवाल क्यों मचा रहे हैं। सरकार का यह षड्यंत्र था, जिसका पर्दा फाश हो चुका है। पंजाब में चुनाव लड़ते हुए भाजपा सांसद सन्नी दयोल के चुनाव प्रचार के प्रभारी का कार्य भी दीप सिद्धू ने संभाला है। एक सवाल के जवाब में अजराना ने कहा कि नकली किसान जत्थेबंदी अलग हुई हैं, लेकिन सच्चाई तो यह है कि अभी भी किसान एकजुट हैं।
श्री अकाल उस्तत चैरिटेबल ट्रस्ट कुरुक्षेत्र के चेयरमैन ज्ञानी तेजपाल सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन शांतिप्रिय ढंग से चल रहा था। मगर किसानों को भड़काने के लिए ट्रैक्टर मार्च के लिए प्रशासन द्वारा दिए गए रूट पर भी रूकावट पैदा की गई। जिसके बाद किसान भाइयों से बातचीत की गई है, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने साफ किया है कि तीनों काले कानूनों को रद्द किए जाने के बाद वे अपने-अपने घरों को लौटेंगे। ट्रैक्टर मार्च के दौरान उपद्रवियों को हिंसा और तोडफ़ोड करने के लिए सरकार ने ही भेजा था, क्योंकि जो लोग उपद्रवी पकड़े गए हैं, उनके पास से दिल्ली पुलिस के आईकार्ड बरामद हुए हैं। इससे साफ है कि हिंसा फैलाने वाले लोग सरकारी लोग थे। वर्दी में तोडफ़ोड़ करते हुए पुलिस कर्मचारियों की वीडियो भी वायरल हो चुकी है। सरकार चाहती है कि किसी भी तरह यह आंदोलन फेल हो, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता। इस अवसर पर उनके साथ गुरुद्वारा श्री बैकुंठ धाम सेवा ट्रस्ट कुरुक्षेत्र के प्रधान जसबीर सिंह वडै़च, हरपिंदर सिंह विर्क, मैनेजर अमरिंदर सिंह, शिअद के जिला कुरुक्षेत्र शहरी प्रधान तजिंदर सिंह मक्कड़, हरजवंत सिंह, प्रताप सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।