ट्रेक्टर-ट्रालियों और मोटरसाईकिलों के काफिले के साथ नारे लगाते हुए सम्मेलन में शामिल हुए किसान
कांग्रेस सरकार आने पर तीनो कृषि कानूनों को किया जाएगा रद्द
शहादत देने वाले किसानों को दिया जाएगा शहीद का दर्जा : अशोक अरोड़ा
बोले, कोरोना योद्धाओं के लिए अध्यादेश लाने की बजाए कोरोना काल में अन्नदाता की जमीन बिकवाने वाला अध्यादेश लाई भाजपा सरकार
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर तीनो काले कृषि कानून रद्द किए जाएंगें और किसान आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाएगा। अरोड़ा शनिवार को गांव मिर्जापुर में कांग्रेस द्वारा आयोजित हल्का थानेसर के किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में हल्का भर से किसान ट्रेक्टर-ट्रालियों, कारों व मोटरसाईकिलों पर सवार होकर कांग्रेस जिंदाबाद और किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगाते हुए शामिल हुए। किसान सम्मेलन में भारी जनसैलाब उमडा हुआ था। किसान सम्मेलन में दो मिनट का मौन रखकर आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर अशोक अरोड़ा को किसानों की ओर लकड़ी का हल भेंट किया व फूलों के हार द्वारा उनका स्वागत किया गया। किसान सम्मेलन में मुख्य रूप से इंप्रुवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन जलेश शर्मा, मेहरसिंह रामगढ, प्रदेश कांग्रेस संगठन सचिव सुभाष पाली, कांग्रेसी नेता सुरेश रोड, पूर्व पार्षद नरेंद्र शर्मा निंदी, मनु जैन, सुरेंद्र सैनी भिवानीखेड़ा, पृथ्वी सिंह तुर्क, रणबीर बूरा किरमिच, पवन चौधरी, सुलतान ब्राह्मण माजरा, सुभाष पलवल, टेकचंद बारना, सतबीर सरपंच खेडी रामनगर, पार्षद शैंकी गर्ग, नरेंद्र वर्मा, कुलदीप हथीरा, ओमप्रकाश हथीरा, बलजीत एडवोकेट, श्रीप्रकाश मिश्रा, महिला नेत्री निशी गुप्ता, राजकुमार पिंडारसी, शैलेंद्र मिर्जापुर सहित अन्य कांग्रेसी नेता मौजूद रहे।
अरोड़ा ने किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में जब देश के डॉक्टर, पुलिस कर्मी व सफाई कर्मी अपनी जान को जोखिम में कार्य कर रहे थे, प्रधानमंत्री को चाहिए तो ये था कि उनको सुविधा देने के लिए कोई अध्यादेश लेकर आते लेकिन प्रधानमंत्री उस संकट के वक्त में किसानों की जमीनें बिकवाने वाले तीन कृषि अध्यादेश लेकर आए। कोरोना काल में जब पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था डगमगा गई थी उस वक्त किसानों ने अपने खेतों में कड़ी मेहनत कर अन्न का उत्पादन किया व देश की अर्थव्यवस्था को संभाले रखा। प्रधानमंत्री के कहने पर सभी दुकानदारों व व्यवसायियों ने घाटा खाकर भी अपनी दुकानों को बंद रखा। सरकार को चाहिए था कि इन लोगों को सुविधा देने के लिए कोई अध्यादेश लेकर आती लेकिन मोदी सरकार ने सभी दुकानदारों व अन्य व्यवसायियों की कमर तोडने का काम किया।
अरोड़ा ने कहा कि देश में एक प्रधानमंत्री ऐसा हुआ जिसने जय जवान और जय किसान का नारा दिया था। जबकि वर्तमान प्रधानमंत्री जय अडानी और जय अंबानी का नारा लगा रहे हैं। उन्होने कहा कि 80 दिनों से चल रहे किसान आदोलन में 200 से अधिक किसान शहीद हो गए हैं। कड़कती ठंड में किसान, महिलाएं और छोटे बच्चे सडकों पर पडे हैं और अपनी जमीन बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन दुख की बात तो यह है कि चंद दूरी पर बैठे प्रधनमंत्री ने आज तक इन आंदोलनकारी किसानों की सुध नही ली और न ही शहीद होने वाले किसानों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होने कहा कि किसान दिल्ली जाना चाहते थे लेकिन उन्हे जाने दिया गया। इतिहास में पहली बार ऐसा देखा गया कि सरकार ने स्वयं सड़कों पर गड्ढ़े खोद दिए। किसानों ने कोई रास्ता नही रोका जबकि हरियाणा सरकार ने बैरिकेट लगाकर किसानों पर लाठियां बरसाई व सर्दी के मौसम में पानी की बौछारें मारी गई। दुनिया के इतिहास का यह सबसे बडा किसान आंदोलन है जो शांतिप्रिय तरीके से चल रहा है।
अरोड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन काले कानूनों का सबसे अधिक प्रभाव किसानों के साथ-साथ आम उपभोक्ता पर भी पडेगा। भंडारण की सीमा खत्म किए जाने से कालाबाजारी बढेगी। बडे-बडे पूंजीपति किसानों का अनाज औने-पौने दामों में खरीद कर गोदामों को स्टोर करेंगें और फिर महंगे भाव से आम लोगों को अनाज बेचा जाएगा। आज देश का अन्नदाता जमीन बचाने के लिए आंदोलन कर रहा है। यह आंदोलन केवल किसानों का नही बल्कि देश के मजदूरों और आम लोगों का आंदोलन है। सरकार ने इस आंदोलन को बदनाम करने के लिए अनेक प्रकार के षडयंत्र रचे लेकिन सरकार कामयाब नही हुई। उन्होने कहा कि कांग्रेस किसान सयुंक्त मोर्चा द्वारा लिए गए हर फैसले का समर्र्थन करती है।