Friday, November 22, 2024
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रेडियो में भविष्य बनाने के लिए लेखन, भाषण तकनीकी कौशल पर पकड़ जरूरी: शहनाज

by Newz Dex
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रेडियो के लिए विद्यार्थी अपनी रचानात्मकता को उभारें: अरविंद

कुवि के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान में ‘विश्व रेडियो दिवस’ पर एक दिवसीय आनलाइन कार्यक्रम आयोजित

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान में ‘विश्व रेडियो दिवस’ पर एक आनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान की निदेशिका प्रोफेसर बिंदु शर्मा ने विश्व रेडियो दिवस पर सभी मुख्य वक्ताओं व प्रतिभागियों का स्वागत और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रेडियो ने तकनीकी के इस बदलते दौर के साथ अपनी सामाजिक उत्तरदायिता को बनाये रखते हुए कोविड-19 के काल में प्रतिबद्धता को बनाये रखा है। उन्होंने कहा कि इस आॅनलाइन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को रेडियो में भविष्य बनाने की अपार संभवानाओं से परिचित कराना है। 

शहनाज, कार्यक्रम अधिकारी, आकाशवाणी पटियाला ने इस अवसर पर कहा कि अगर आपको रेडियो मे अपना भविष्य बनाना है तो आपको नियमित सूचनाओं का अपडेट रखना होगा, साहित्य पढ़ना होगा और अपनी लेखन और भाषणशैली पर पकड़ मजबूत करनी होगी।  रेडियो सिटी के सहायक मैनेजर अरविंद कुमार ने कहा कि रेडियो जोकी बनने के लिए आपको रचनात्मक तौर पर सोचना होगा, लिखना होगा और तकनीकी तौर पर अपने आपको आगे बढ़ाना होगा जिससे आपमें हर कार्य के प्रति सक्षमता बढ़ेगी जो आपके स्वर्णिम भविष्य की ओर अग्रसर करेगी।  

माई एफएम के रेडियो जोकी अतुल ने इस अवसर पर कहा कि आपको रेडियो जोकी बनने के लिए दूसरों की नकल करने से बचना होगा और जो आप है उसे बाहर लाना होगा ताकि आप इस दुनिया में अपना स्वयं का मुकाम हासिल कर सके। इसके लिए आपको बहुत ज्यादा पढ़ने की आवश्यकता होगी क्योंकि इससे आपकी शब्दशैली बनेगी।  रेड एफएम की मार्केटिंग अधिकारी आरती ने इस अवसर पर कहा कि जो विद्यार्थी रेडियो में अपना स्वर्णिम भविष्य बनाने चाहते है उन्हें सोचना होगा कि वे रेडियो में क्या रचनात्मक कर सकते है, बजाये इसके कि उनके लिए रेडियो क्या-क्या संभावनाएं पैदा कर रहा है।रेडियो पर कार्यक्रम करना एक जिम्मेदारीपूर्वक कार्य है,क्योंकि यह सटीक सूचनाओं का एक माध्यम है। 

इस आनलाइन कार्यक्रम का संचालन कर रहे संस्थान के सहायक प्राध्यपक डा. तपेश किरण ने सभी मुख्य वक्ताओं व प्रतिभागियों का धन्यावाद करते हुए कहा कि रेडियो रचनात्मकता के साथ हर पल कुछ नया करने का मौका प्रदान करता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा सभी विद्यार्थिगण असफलता से भयभीत ना हों क्योंकि असफलताएं जीवन में नया कुछ सीखने का मौका देती है और आगे बढ़ने की प्ररेणा के मार्ग को प्रशस्त करती है। 

इस अवसर मुख्य वक्ताओं ने विद्यार्थियों के जिज्ञासा भरे प्रश्नों के प्रत्युत्तर दिये। डा. पंकज गर्ग, कार्यक्रम अधिकारी रेडियो चिंतकारा, चिंतकारा विश्वविद्यालय पंजाब, विश्व रेडियो दिवस के थीम क्रमागत उन्नति, खोज और संपर्क को ध्यान में रखते हुए आकाशवाणी, सामुदायिक रेडियो व एफएम रेडियो के विस्तार पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि रेडियो समाज में चेतना जगाने, प्रकृति आपदाओं से अवगत करवाने व लोगों में सामाजिक व आर्थिक विपदाओं में एक अहम भूमिका निभा रहा है। इस आनलाईन कार्यकम में जनसंचार व मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थानक के समस्त प्राध्यापकों व विद्यार्थियों ने भाग लिया। 

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