Friday, November 22, 2024
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भारत के प्राचीन गौरव को पुनस्र्थापित करेगी नई शिक्षा नीति:देवव्रत

by Newz Dex
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गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने नई शिक्षा नीति-2020 पर गुरुकुल के अध्यापकों से सांझा किये विचार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्यप्रणाली की सराहना

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 भारत के प्राचीन गौरव को पुनस्र्थापित करेगी, क्योंकि इस शिक्षा नीति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को ध्यान में रखते हुए यह लक्ष्य रखा गया है कि हर एक विद्यार्थी अपनी स्कूली शिक्षा के साथ-साथ एक कौशल प्राप्त करे। मात्र अक्षर ज्ञान न देकर छात्रों को उत्तम स्वास्थ्य व उच्च संस्कार देने पर भी बल दिया गया जो वर्तमान समय की जरूरत भी है। आचार्य देवव्रत सोमवार को कुरुक्षेत्र गुरुकुल में आयोजित कए कार्यक्र में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि जिस संस्कारयुक्त शिक्षा के बल पर भारतवर्ष विश्व-गुरु कहलाया और आर्थिक दृष्टि से सोने की चिडिय़ा कहलाता था आज उसी शिक्षा पद्धति को नव स्वरूप प्रदान करने की आवश्यकता है क्योंकि संस्कारवान् व्यक्ति ही धन का सदुपयोग कर सकता है। बिना संस्कारों के व्यक्ति शिक्षित होते हुए भी कुपथ का गामी बन सकता है और अपने जीवन के साथ-साथ अपने परिवार का जीवन भी अंधकारमय बना सकता है। किसी भी राष्ट्र की युवा पीढ़ी उस राष्ट्र के निर्माण का आधार होती है। संस्कारयुक्त एवं रोजगारपरक शिक्षा पद्धति युवा पीढ़ी में सम्पूर्णता का भाव पैदा करती है जिसकी आज के आधुनिक भारत को महती आवश्यकता है। बाल्यकाल से ही बच्चे के कोरे मस्तिष्क एवं मन:पटल पर माता-पिता एवं गुरुजनों द्वारा किये गये प्रत्येक व्यवहार की अमिट छाप रहती है।

आंग्ल विद्वान् सिग्मन फ्राइड की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एक प्रौढ़ व्यक्ति की तुलना में बच्चे ज्यादा तेजी से अपने आसपास की गतिविधियों को सीखते हैं, इसलिए माता-पिता व गुरुजनों को बच्चों के सामने एक आदर्श रूप में प्रस्तुत होना चाहिए। गुरुकुल के निदेशक व प्राचार्य कर्नल अरूण दत्ता ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समस्त गुरुकुल प्रबंधक समिति एवं शिक्षकगण में नई शिक्षा पद्धति को लागू करने के लिए बेहद उत्साह है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि आचार्य देवव्रत के दिशा-निर्देशन में नई शिक्षा नीति संबंधित सभी बिन्दुओं पर पूरी निष्ठा व ईमानदारी से पालन करेंगे और शिक्षा जगत् में गुरुकुल की जो ख्याति है उसे और अधिक ऊंचाइयों पर लेकर जाएंगे। मंच संचालन मुख्य संरक्षक संजीव आर्य द्वारा किया गया। इस अवसर पर गुरुकुल के प्रधान कुलवन्त सिंह सैनी, निदेशक व प्राचार्य कर्नल अरुण दत्ता, सह प्राचार्य शमशेर सिंह सहित समस्त अध्यापक वृन्द एवं संरक्षकगण उपस्थित थे।

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