मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरस्वती महोत्सव के सैमिनार से मुख्यातिथि के रुप में जुड़े आनलाईन
सरस्वती नदी को मारकंडा नदी से जोडऩे का काम किया शुरु
सरस्वती के फिर से धरातल पर प्रवाहित होने से समाप्त होगी डार्क जोन की समस्या, संस्कृति और सभ्यता को सहेजने के होंगे प्रयास
पर्यटन की अपार सम्भावनाओं में होगी वृद्घि, सरस्वती नदी पर केन्द्रीय राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया
खेलमंत्री संदीप सिंह, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच सहित देश-विदेश के कई वैज्ञानिकों ने की चर्चा
7 देशों के वैज्ञानिक और 1 लाख लोग सैमिनार से जुड़े वर्चुअल रुप से
बसंत पंचमी के पावन अवसर पर महोत्सव का एक दिवसीय सैमिनार सम्पन्न
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विश्व की सबसे पवित्र एवं ज्ञान की देवी सरस्वती नदी का उदगम स्थल हरियाणा प्रदेश में आदि बद्री यमुनानगर में है। इस स्थल पर सरकार की तरफ से डैम, बैराज और सरस्वती सरोवर का निर्माण करने की परियोजना के लिए 800 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। इस परियोजना के तहत बाढ़ के पानी से प्रभावित तकरीबन 894 हेक्टेयर भूमि पर बरसात के समय आने वाले पानी का प्रबंध किया जाएगा।
इतना ही नहीं पवित्र नदी सरस्वती को मारकंडा नदी के साथ जोडऩे का काम भी शुरु कर दिया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल सोमवार को चंडीगढ़ से वर्चुअल रुप अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव-2021 को लेकर हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड एवं विद्या भारती संस्कृती शिक्षण संस्थान के तत्वाधान में सरस्वती नदी नई सम्भावना और इसकी विरासत विषय पर आयोजित एक दिवसीय सैमिनार में बतौर मुख्यातिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले विद्या भारती के सभागार में केन्द्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया, सांसद नायब सिंह सैनी, त्रिनिदाद एंड टोबैगो के उच्चायुक्त डा. रोजर गोपाल, सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच, उपायुक्त शरणदीप कौर बराड़, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डा. सोमनाथ सचदेवा, विद्या भारती संस्कृति शिक्षण संस्थान के निदेशक डा. रामेन्द्र सिंह, भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल, शोध संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एआर चौधरी, महोत्सव के संयोजक एवं एसई अरविन्द्र कौशिक ने दीप प्रज्जवलित कर विधिवत रुप से सैमिनार का शुभारम्भ किया।
इस दौरान हरियाणा के खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह, विधायक सुभाष सुधा, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के साथ-साथ अमेरिका, युरोप सहित 7 देशों के वैज्ञानिक और 1 लाख लोग वर्चुअल रुप से सैमिनार के साथ जुड़े। इसके साथ ही सैमिनार के तकनीकी सत्र में बेलारशियन स्टेट यूनिवर्सिटी से डा. एलेह पेरजावेकिश, एएसआई के संयुक्त महानिदेशक डा. संजय मंजुल, जरनल डा. जीडी बख्शी, डा. जेएन रवि, इसरो से डा. बीके भद्रा, यूएसए से डा. निलेश नीलकांथोक, गोआ से लीना महेंडले, चेन्नई सरस्वती शोध केन्द्र के निदेशक डा. एस कल्याणरमन, वेव्स सोसाईटी से प्रोफेसर शशिबाला, डा. मनोगना व सीजीडब्लयूबी के आरडी डा. अनूप नागर ने वैज्ञानिक दृष्टिï से पवित्र नदी सरस्वती पर लम्बी चर्चा की है।