विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र हित में लिया अहम फैसला
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा द्वारा छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए परीक्षा स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिश पर पुनः सम्बंधित विभागों, महाविद्यालयों व संस्थान की परीक्षाएं आफलाइन के साथ-साथ ब्लैंडिड मोड के माध्यम से आयोजित करने का निर्णय लिया है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक/स्नातकोत्तर की सेमेस्टर की परीक्षाएं 1 मार्च से शुरू होंगी। परीक्षा नियंत्रक डा. हुकम सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक कोर्सिज की संशोधित डेटशीट विश्वविद्यालय की वेबसाईट पर अपलोड कर दी गई है। बाकी कोर्सिज की डेटशीट भी जल्दी जारी कर दी जाएंगी। इस सम्बन्ध में सभी संबंधित विभागाध्यक्ष, कालेजों/संस्थानों के प्राचार्य/निदेशकों को ई-मेल द्वारा भेज दी गई है।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार संबंधित महाविद्यालयों/संस्थानों के निदेशक/प्राचार्यों को परीक्षा संबंधी सभी दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं और अब विद्यार्थी आनलाइन/आफलाइन किसी भी माध्यम से अपनी परीक्षा दे सकता है। इसके लिए विभागाध्यक्षों, प्राचार्यो व निदेशकों को परीक्षार्थियों से आप्शन लेनी होगी कि वे परीक्षा किस माध्यम से देना चाहते हैं? यदि कोई विद्यार्थी आॅफलाइन माध्यम में परीक्षा देना चाहता है तो उस स्थिति को विद्यार्थी को संबधित काॅलेज प्रश्न पत्र व उत्तर-पुस्तिका उपलब्ध करवाएगा और परीक्षा संपन्न करवाने की जिम्मेवारी संबंधित विभाग, काॅलेज व संस्थान के विभागाध्यक्ष, प्राचार्य व निदेशक की होगी। यदि कोई विद्यार्थी कोविड-19 से पीड़ित है या उसके लक्षण मौजूद हैं तो उसे आनलाइन माध्यम से ही परीक्षा देनी होगी। इसी तरह विदेशों व अन्य राज्यों में रह रहे विद्यार्थियों को भी आनलाइन माध्यम से परीक्षा देनी होगी।
उन्होंने बताया कि परीक्षा प्रश्न पत्र सभी निदेशकों/प्राचार्या को सुबह सत्र वाले 9.15 बजे व दोपहर सत्र वाले 1.15 बजे ई-मेल के माध्यम से प्रतिदिन भेजे जाएंगे। इन परीक्षाओं में विद्यार्थियों को 75 प्रतिशत अंकों का प्रश्न-पत्र हल करना होगा, परीक्षार्थियों को अपने उत्तर ए-फार साइज के पृष्ठों में लिखने होंगे जिसके लिए अधिकतम पृष्ठ सीमा 30 तक निर्धारित की गई है और प्रश्न पत्र डाउनलोड करना, प्रश्नों के उत्तर लिखना और उसकी पीडीएफ बनाकर अपलोड करने के लिए लिए इस बार 3( घंटे (3 घंटे 15 मिनट) का समय दिया जाएगा। डा. हुकम सिंह ने बताया कि पूर्व की भांति इस बार भी प्रैक्टिकल, प्रोजैक्ट रिपोर्ट, ट्रेनिंग आदि की परीक्षा विभाग, महाविद्यालय व संस्थान स्तर पर ही ली जाएगी। परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र डाउनलोड करके परीक्षा संबंधी विवरण व रोल नंबर लिखना होगा तथा कोई भी परीक्षार्थी अपना मोबाइल नंबर व अन्य कोई सूचना उत्तर-पुस्तिका में नहीं लिखेगा।
परीक्षा नियंत्रक डा. हुकम सिंह ने बताया कि उक्त प्रश्न पत्र को संबंधित विद्यार्थी को उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी संबंधित विभाग, कालेज व संस्थान की होगी। वह ई-मेल या अन्य किसी इलेक्ट्रानिक ऐप के जरिए इस प्रश्न पत्र को सुबह 9.30 बजे व दोपहर 1.30 बजे संबंधित विद्यार्थी को उपलब्ध कराएंगे। प्रश्न-पत्र हल करने उपरांत विद्यार्थी अपनी उत्तर-पुस्तिका की साफ्ट कापी पीडीएफ फार्मेट में संबंधित विभाग, कालेज या संस्थान में गूगल फार्म के जरिए ही जमा करवाएगा। गूगल फार्म का लिंक संबंधित विभागाध्यक्ष, प्राचार्य व निदेशक के द्वारा विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाया जाएगा। उत्तर-पुस्तिका की पीडीएफ फार्मेट बनाने के लिए विद्यार्थी माइक्रोसाफ्ट आफिस लैंस, एडोब स्कैन, वी फ्लैट एप या अन्य किसी एप की सहायता ले सकता है। विस्तृत जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाईट पर उपलब्ध है।
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उत्तर-पुस्तिका गूगल फार्म के माध्यम से अपलोड करनी होगी
वर्चुअल मीटिंग 18 फरवरी को प्रातः 10.30 बजे होगी
परीक्षाओं में उत्तर-पुस्तिका गूगल फार्म के माध्यम से अपलोड करने संबंधित 18 फरवरी 2021 को सुबह 10.30 बजे कमेटी रूम, परीक्षा भवन में परीक्षा स्टैंडिग कमेटी की व्र्चुअल मीटिंग संबंधित विभागाध्यक्षों, प्राचार्यों व निदेशकों के साथ होगी जिसकी अध्यक्षता प्रो. अनिल वोहरा, डीन आफ कालेज व रिसर्च एंड डेवलपमेंट करेंगे। 1 मार्च से शुरू होने जा रही यूजी/पीजी परीक्षाओं बारे जानकारी देते हुए डा. सिंह ने बताया कि इन परीक्षाओं के विचार-विमर्श के लिए व इस मीटिंग में गूगल फोर्म लिंक बनाने का एक डेमो सभी विभागों, महाविद्यालयों व संस्थानों के साथ सांझा किया जाएगा। इसके अतिरिक्त गूगल फोर्म से संबंधित पीपीटी प्रजेंटेशन व विस्तृत दिशानिर्देश/जानकारी सभी कालेज/संस्थान को दी जाएगी जिसमें बताया जाएगा कि गूगल फार्म कैसे तैयार करना है, कैसे विद्यार्थियों को लिंक भेजना है, विद्यार्थी कैसे अपनी उत्तर-पुस्तिका अपलोड कर सकेंगे और गूगल फार्म का डाटाबेस कहां फीड होगा आदि।
परीक्षा नियंत्रक डा. सिंह ने बताया कि आफलाइन माध्यम के द्वारा जो विद्यार्थी परीक्षाएं देना चाहते हैं, उस स्थिति में अब संबंधित कालेज/संस्थान विद्यार्थी की गूगल मीट और व्हाट्सअप के द्वारा प्रोक्टोरियल इंवेस्टिगेशन करेगा। सभी संस्थानों व कालेज द्वारा इस संबंध में डेली बेसिज पर टीचर्स की ड्यूटी लगाई जाएगी व इसका डाटा 3 महीने तक संभाल कर रखना होगा जिसका विश्वविद्यालय आवश्यकता पड़ने पर जांच भी कर सकता है और उसका अवलोकन भी कर सकता है। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय द्वारा आब्जर्वर भी नियुक्त किए जा सकते हैं जोकि सभी कालेज व संस्थानों पर ओवरआल अपनी दृष्टि रखेंगे। यह सभी दिशा-निर्देश संबंधित विभागाध्यक्षों, प्राचार्यों व निदेशकों को ई-मेल के माध्यम से भेज दिए गए हैं।