डा.गोयल ने डा. वीके पाल, सदस्य नीति आयोग भारतीय संघ की कोविड इलाज खर्च पर आई रिपोर्टनुसार इलाज के भुगतान की बात कही
स्वास्थ्य मंत्री विज के आगे लगा चुके हैं गुहार,अब हरियाणा के सीएम से मिलने के लिये समय मांगा
संदीप गौतम/न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। कोरोना महामारी में लोगों का जीवन बचाने और कोरोना मरीजों का सहयोग करने वालों को कोरोना योद्धा के तौर पर सरकार सम्मानित कर रही है तो दूसरी ओर धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में अपना तथा अपने स्टाफ का जीवन दांव पर लगाकर कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले तथा कोरोना महामारी से लोगों का जीवन बचाने वाले डाक्टर को अपने हक के लिए दर दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। राधा कृष्ण अस्पताल के संचालक डा. लोकेन्द्र गोयल ने बताया कि जिस समय कुरुक्षेत्र में कोरोना महामारी की दहशत थी और कोरोना की आड़ में मौत तांडव कर रही थी, उस समय स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनके अस्पताल में गत 31 अगस्त 2020 से 15 जनवरी 2021 तक 228 कोरोना संक्रमित मरीजों को इलाज के लिए भेजा गया। डा. गोयल ने कहाकि यह ऐसा समय था कि कोरोना महामारी से मरीज मर रहे थे लेकिन सरकार के पास उस समय न तो सरकारी अस्पताल के पास कोरोना महामारी से लड़ने के लिए उपयोगी अस्पताल थे और न ही चिकित्सक एवं चिकित्सा उपयोगी आधुनिक उपकरण थे।
उन्होंने कहाकि ऐसे समय में सरकार के पास दवा और कोविड 19 की गंभीरता को देखते हुए लेबोरेटरी भी नहीं थी। ऐसे समय में ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने डा. लोकेन्द्र गोयल को प्राकृतिक आपदा कानून के तहत इलाज के लिए मजबूर किया कि उन्हें डा. वी के पाल, सदस्य नीति आयोग, भारतीय संघ की कोविड इलाज खर्च पर आई रिपोर्ट अनुसार इलाज की राशि की अदायगी की बात कही। ऐसे समय में इसी के अंतर्गत गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर पर रखना पड़ता था। डा. गोयल ने बताया कि उनके अस्पताल ने जिन 228 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया उनमें 93 वर्षीय मरीज था तो एक महीने न्यूनतम आयु का एक मरीज जिसका जन्म मात्र 7 महीने के गर्भ के बाद हुआ था। डा. गोयल ने दावा किया कि 228 कोरोना संक्रमित मरीजों का सफल इलाज कर कुरुक्षेत्र जिला में मृत्यु दर निम्न स्तर पर लाने का सफल कार्य उनके अस्पताल ने किया है।
डा. गोयल ने बताया कि उन्होंने सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार बिल स्वास्थ्य विभाग के पास बिल जमा करवाया। उन्होंने कहाकि सरकार ने बिल पास होने के बावजूद केवल 77 लाख 88 हजार 500 रूपये की अदायगी उनके बैंक खाते में की। डा. गोयल ने बताया कि उनका सरकार की तरफ 2 करोड़ 74 लाख 57 हजार 680 रूपये के बिल की अदायगी बकाया है। डा. गोयल सरकार से अपने बिल की अदायगी के लिए हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य मन्त्री अनिल विज से गुहार लगा चुके है और अब न्याय की उम्मीद से हरियाणा के मुख्य मन्त्री मनोहर लाल से मिलने का समय मांगा है। डा. गोयल ने कहाकि कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के दौरान उन्हें कोई अदायगी नहीं हुई। ऐसी स्थिति में उन्होंने बैंकों, रिश्तेदारों और परिजन से पैसे उधार लेकर कोरोना मरीजों का इलाज किया। आज सरकार द्वारा बिलों की उचित अदायगी न करने के कारण वे आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उधार भी नहीं चूका सकते हैं। ऐसी स्थिति में डा. गोयल का कहना है कि उनकी, उनके परिजन की और स्टाफ की आत्महत्या जैसी स्थिति बनी हुई है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को 2 करोड़ 74 लाख 57 हजार 680 रूपये की बकाया राशि के लिए बार बार पत्र लिखा है लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।