वीएफएक्स इंडस्ट्री में अपार रोजगार की संभावनाएं : अमित चहल
रेडियो के लिए आवाज और अंदाज पर कार्य करें : यूनिस खान
एक से अधिक कौशल मल्टीमीडिया के लिए आवश्यक : ब्रिकमजीत सिंह
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ऑनलाईन कार्यक्रम ‘प्रिपेयरिंग स्टूडेंट फॉर-आत्मनिर्भर भारत’ के दूसरे दिन का आरंभ करते हुए जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान की निदेशिका प्रोफेसर बिंदु शर्मा ने सभी प्रतिभागियों व विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत को साकार बनाने के लिए संस्थान द्वारा आयोजित यह ऑनलाइन कार्यक्रम एक सशक्त भूमिका निर्वाहन करेगा।
इस अवसर पर डिजाइन एंड एनिमेशन इंडस्ट्रीः रोजगार और उद्यमशीलता संभावनाएं’ विषय पर सारेगामा की डिप्टी मैनेजर मनीषा देशवाल ने कहा कि किसी भी साफ्टवेयर से ज्यादा सीखने से पहले आपको रचनात्कता दिखानी होगी क्योंकि मशीन एक डिजाइन बनाने का माध्यम बन सकती लेकिन डिजाइन आपको अपनी रचनात्मकता से बनाना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए आपको जीवन के हर पहलू पर सोचना होगा कि एक अच्छा डिजाइन कैसे बन सकता है? इसके साथ ही आपको कम सुविधाओं में ज्यादा कार्य करने की भी ललक होनी चाहिए। इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं है आपकी रचनात्मकता पर टिकी होगी।
‘प्रोडक्शन पाइपलाइन ऑफ 3डी एंड वीएफएक्स इंडस्ट्रीः विषय पर सीनियर 3डी विशेषज्ञ अमित चहल ने कहा कि विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में अपना स्वर्णिम भविष्य बनाना है तो आपको वीएफएक्स इंडस्ट्री के तमाम तकनीकी पहलुओं को सीखना होगा क्योंकि वर्तमान में यह इंडस्ट्री किसी एक देश में ही बल्कि संपूर्ण दुनिया में फैल चुकी है। उन्होंने कहा कि तमाम आनलाईन मार्केटिंग में अत्यधिक र्ग्राफिक्स एवं अन्य तकनीकी साफ्टवेयरों का इस्तेमाल पहले से ज्यादा बढ़ा है। उन्होंने रोटोस्कोप, रेण्डटिंग, वीएफएक्स इत्यादि के तकनीकी पहलुओं पर प्रतिभागियों के साथ प्रति उत्तर के माध्यम से विस्तार से चर्चा की।
दूसरे सत्र में ‘रेडियो इंडस्ट्रीः संभावनाएं व क्षेत्र पर विविध भारती के वरिष्ठ उद्घोषक यूनिस खान ने कहा कि रेडियो ने अपने अंदाज को समय-समय पर लोगों के साथ बदला है जिसे वह वर्तमान में पहले से ज्यादा व्यक्तियों के पास पहुँचा है जिसे रेडियो ने दुनिया को ही एक गाँव में तब्दील दिया है। उन्होंने कहा कि युवाओं को रेडियो सपने दिखाता है और उन्हें अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम उन्हें संवारने का भी माध्यम बताता है।
रेडियो को हमेशा नये-नये कंटेन्ट चाहिए होता है जिससे वह अपने सुनने वालों को नई धारणा के साथ उसका मार्गदर्शन करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी स्वयं का ब्रॉडकास्ट भी चला सकते है जो आपकी उम्मीदों से भी बेहतर होगा। इसके साथ ही विद्यार्थियों को रेडियो पर अपनी आवाज के साथ अपना स्वयं का भी अंदाज बनाना होगा जिसे आप दूसरों से अलग बन सको। रेडियो में संगीत, फिल्म, कहानी, फीचर्स इत्यादि के बारे में अलग ही अंदाज से कहने की विद्या आरंभ हो गई है। रेडियो पर आने से पहले आपको फिल्मों व संगीत से लगाव बनाना होगा जिसे आप स्वयं सीखते हुए दूसरों को सीखा सकते है। उन्हांने कहा कि अगर आपको रेडियो जोकी बनना है तो श्रोताओं की समझ को पकड़ना होगा ताकि आपके उनके मुताबिक अपने आपको बना सको। इसके साथ ही रेडियो जोकी अपनी आवाज को एक मैनेजमेट के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा ताकि कार्यक्रम के अंत एक जैसी आवाज ही श्रोताओं को अनुभव हो।
मल्टीमीडिया इंडस्ट्रीः संभावनाएं व कौशल की आवश्यकता’ विषय पर विरूलसाफ्ट टैक्नोलॉजी के प्रोजेक्ट मैनेजर ब्रिकमजीत सिंह ने कहा कि विद्यार्थी में एक से अधिक कौशल है तो उसे मल्टीमीडिया में क्षेत्र में आना चाहिए क्योंकि इसमें रोजगार की अपार संभावनाएं है। केंद्र सरकार ने जो आत्मनिर्भर भारत बनाने का जो अभियान चलाया उसे सार्थक बनाने के लिए मल्टीमीडिया इंडस्ट्री बेहतरीन भूमिका का निर्वहन कर रही है। उन्होने कहा कि विद्यार्थी को इसके लिए मल्टीमीडिया के तमाम तकनीकी पहलुओं पर कार्य करना होगा।
इस ऑनलाइन कार्यक्रम का संचालन जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के सहायक प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार ने किया और कहा कि विभिन्न विशेषज्ञों के द्वारा दिये गये महत्वपूर्ण व्याख्यानों से संस्थान के विद्यार्थीगण ही नही बल्कि प्राध्यापकगण भी लाभान्विंत हो रहे हैं। इस अवसर पर जनसंचार व मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के समस्त प्राध्यापकों व विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।