फारसी के स्थान पर मराठी और संस्कृत को छत्रपति राजे ने बनाया था राजकाज की भाषा
न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, “मां भारती के अमर सपूत छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। उनके अदम्य साहस, अद्भुत शौर्य और असाधारण बुद्धिमत्ता की गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी।
छत्रपति शिवाजी महाराज 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दुर्ग (महाराष्ट्र) में हुआ था। इतिहास के पन्नों पर शिवाजी का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। उन्हें भारत के एक महान राजा, रणनीतिकार और भारतीय नौ सेना के जनक कहा जाता है। जिन्होंने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया और मुगलों को नाको चने चबवाए थे। सन् 1674 में रायगढ़ में उनका राज्यभिषेक हुआ और “छत्रपति” बने।छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों कि सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया।
उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किये तथा छापामार युद्ध की नयी शैली (शिवसूत्र) विकसित की। उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनीतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया। इसी के साथ फारसी के स्थान पर छत्रपति राजे ने मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। महाराष्ट्र और देशभर में आज अनेक स्थानों पर छत्रपति महाराज जयंती पर सरकारी और गैर सरकारी अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। मुगलकाल की बुलदियों के दौर में वह भारत के इकलौते वीर स्पूत थे,जिनसे मुगल शासक औरंगजेब भी खौफ खाते थे।मराठा शक्ति को संजोकर देश में हिंदवी साम्राज्य की स्थापना करने का गौरव छत्रपति शिवाजी को प्राप्त है।