कुलपति ने किया रिफ्रेशर कोर्स का उदघाटन, सफल आयोजन के लिए दी शुभकामनाएं, 20 अगस्त तक देश व दुनिया से होंगे व्याख्यान
फेक न्यूज व पत्रकारिता की विश्वसनीयता अंग्रेजी प्रेस के आगे सबसे बड़ी चुनौती : मनराज ग्रेवाल
देश के 16 राज्यों से भाग ले रहे हैं मीडिया शिक्षक, मानव संसाधन विकास केंद्र की और से बेहतरीन पाठयक्रम साबित होगा ऑनलाइन कोर्स : प्रोफेसर नीरा वर्मा
कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान में 15 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स का शुभारंभ
आर्यन/न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 5 अगस्त। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान यूजीसी मानव संसाधन केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान में जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विषय पर पहला ऑनलाइन रिफ्रेशर कोर्स का उदघाटन बुधवार को कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय की कुलपति डा.ॅ नीता खन्ना ने किया। इस मौके पर उन्होंने इस कोर्स के सफल आयोजन के लिए मानव संसाधन केंद्र की निदेशिक प्रोफेसर नीरा वर्मा व जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान की निदेशिका प्रोफेसर बिंदू शर्मा को दी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के समय मे कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय का प्रयास है कि कोरोना काल में गुणवŸापरक शिक्षण को बढावा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है कि मानव संसाधन विकास केंद्र जनंसचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से विश्वविद्यालय के लिए पहले ऑनलाइन रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन कर रहा है। उन्होंने इसके लिए सभी प्रतिभागियों को भी शुभकामनाएं दी।
उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए मानव संसाधन केंद्र की निदेशिका प्रोफेसर नीरा वर्मा ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का मानव संसाधन विकास केंद्र पिछले 33 वर्षों से उच्च शिक्षा कें क्षेत्र में शिक्षण प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्र अब तक 330 ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन कर चुका है जिनमें 85 ओरिएंटेशन कार्यक्रम व 121 रिफ्रेशर कोर्स शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए यह गौरव की बात है कि पहले ऑनलाइन कोर्स में देश के 16 अलग अलग राज्यों से 75 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। पहले ऑनलाइन कोर्स में ही कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक का प्रतिनिधित्व केंद्र को मिला है। उन्होंने बताया कि इस कोर्स के लिए देश व विदेश से बड़ी संख्या में मीडिया विशेषज्ञ शिरकत करने वाले हैं। जिस तरह के प्रतिभागी व कंटेंट इस पाठयक्रम में शामिल किए गए हैं इसके कारण यह केंद्र के श्रेष्ठ पाठयक्रमों में से एक होगा। उन्होंने इसके लिए जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान की निदेशिका व कोर्स संयोजक प्रोफेसर बिंदू शर्मा व सह संयोजक
डॉ. अशोक कुमार को बधाई देते हुए कहा कि जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान का यह पहला ही पाठक्रम सफल साबित हुआ है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से अपील कि वे अनुशासन में रहकर पाठयक्रम का लाभ उठाएं व मीडिया शिक्षण के लिए जरूरी कौशल हासिल कर खुद को एक अच्छे शिक्षक के रूप में साबित करें।
उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता उŸाराखंड ओपन विश्वविद्यालय के जनसंचार के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर गोविंद ने अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने पिं्रट मीडिया इंडस्ट्री : एजुकेशन एंड स्किल्स विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने मीडिया इंडस्टी के इतिहास से लेकर वर्तमान के ऊपर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारत में 1941 में पंजाब विश्वविद्यालय से मीडिया का शिक्षा शुरू हुई थी। प्रोफेसर गोविंद ने कहा कि कोविड-19 के दौर में सभी इंडस्ट्री की तरह मीडिया इंडस्ट्री को भी बहुत नुकसान हुआ है। जो समाचार पत्र पहले 20-22 पेज के प्रकाशित हुआ करते थे वो अब केवल 8-10 पेज में प्रकाशित हो रहे हैं। समाचार पत्रों को विज्ञापन नहीं मिल रहे हैं जिससे लोगों की नौकरी जा रही है। उन्होंने अपने व्याख्यान में मीडिया के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए विभिन्न स्किल्स के बारे में बात की। उन्होंने भाषा, एडिटिंग, रिसर्च, लेखन, इत्यादि विषयों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर की वर्तमान चुनौतिया, मीडिया शिक्षण की समस्याएं, मीडिया कौशल इत्यादि विषयों पर विस्तार से बात की।
दूसरे तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए संपादक एवं वरिष्ठ पत्रकार मनराज ग्रेवाल ने कहा कि भारत में साक्षरता के साथ ही अंग्रेजी पत्रकारिता को निरंतर विस्तार हो रहा है। अखबार पढ़ने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। आर्थिक नजरिए से भी समाचार पत्र मजबूत हुए हैं। आज समाचार पत्र सिर्फ हार्डकापी में नहीं बल्कि वेबसाइट, वटसअप व डिजिटल रूप में भी उपलब्ध है। नई तकनीक के कारण अंग्रेजी व भाषाई दोनो समाचार पत्रों की पहुंच बढ़ी है। समाचार पत्रों की प्रसार संख्या निरंतर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी प्रेस पाठकों को एक नया दृष्टिकोण देती है, इसलिए इसका व यहां काम करने वालों का महत्व निरंतर ऐसे ही बना रहेगा। इसलिए इस क्षेत्र में भावी पत्रकारों के लिए अवसरों की भी कोई कमी नहीं है, लेकिन इसके लिए सही कौशल होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण चुनौतियां पैदा हुई हैं, लेकिन जल्द ही स्थितियां ठीक हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि टेलिविजन की सनसनीखेज व वनीला पत्रकारिता से अंग्रेजी पत्रकारिता बिल्कुल अलग है। उन्होंने का फेक व पेड समाचारों की दुनिया में इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है और यह और अधिक प्रभावी हो गई है। उन्होंने भाषाई पत्रकारिता पाठक को अपने आस पास के बारे में बताती है तो अंग्रेजी पत्रकारिता एक पाठक में एक वैश्विक नजरिया देती है। इसलिए इनका महत्व कभी कम नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि नई तकनीक के कारण फेक न्यूज व गिरती विश्वसनीयता पत्रकारिता के आगे सबसे बड़ी चुनौती है। मीडिया शिक्षण में लगे शिक्षकों की यह जिम्मेवारी है कि वे भावी पत्रकारों को अच्छा प्रशिक्षण दें ताकि वे पत्रकारिता की गुणवत्ता को बढ़ाते हुए पाठकों के लिए बेहतर साबित हों व लोकतंत्र के प्रहरी बने रहें। इस मौके पर एक संपादक व संवाददाता के रूप में अपने अनुभवों को भी उन्होंने शिक्षकों के साथ सांझा किया।
संस्थान की निदेशिका प्रोफेसर बिंदू शर्मा ने कहा कि संस्थान के लिए यह गौरवशाली क्षण है कि संस्थान में पहले ऑन लाइन रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संस्थान की और से पिछले 25 वर्षों में यह पहला पाठयक्रम है। मीडिया क्षेत्र भारत व वैश्विक स्तर पर बड़ी तेजी के साथ बदल रहा है। ऐसे बदलते हालात में मीडिया शिक्षण में लगे शिक्षकों को भी खुद को बदलने की जरूरत है व नए कौशल हासिल करने की आवश्यकता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए ही कोर्स का थीम मीडिया उद्योग, शिक्षण एवं कौशल की नई दिशा विषय रखा गया है। इसे ध्यान में रखकर ही कोर्स के सभी सत्र निर्धारित किए गए हैं। प्रोफेसर बिन्दु शर्मा ने बताया कि पहले दिन प्रोफेसर गोविन्द सिंह, इंडियन एक्सप्रैस की संपादक मनराज ग्रेवाल, इंडिया टूडे के पूर्व संपादक एवं माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जगदीश उपासने अपना व्याख्यान दिया है।
कोर्स के सह संयोजक डॉ. अशोक कुमार ने सभी अतिथियों व वक्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि इस 15 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स में मीडिया उद्योग, शिक्षण एवं कौशल से जुड़े विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है। सह मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के लिए गर्व की बात है कि कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय का पहला ऑनलाइन रिफ्रेशर कोर्स आयोजित करने की जिम्मेवारी मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान को मिली है। पहले ही कोर्स में संस्थान को देश के सभी राज्यों से प्रतिभागिता मिली है। संस्थान को उदेश्य प्रतियोगियों को उत्कृष्ठ कंटेंट उपलब्ध करवाना है ताकि यह पाठक्रम उनके लिए उपयोगी साबित हो। उन्होंने बताया कि 6 अगस्त को इस पाठक्रम में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से प्रोफेसर शशीकांत शर्मा , भारतीय जनसंचार संस्थान से प्रोफेसर आनन्द प्रधान, लल्लनटॉप वैबसाइट के संपादक सौरभ द्विवेदी व बीबीसी साउथ एशिया के पूर्व रेडियो प्रोड्यूसर शुभ्रांसु चौधरी अपना व्याख्यान देंगे।