संदीप/न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। ‘‘आपको मैं बिना कारण बताये नौकरी से निकाल दूंगा, आपको बोलने की तमीज़ नहीं है, अगर आपने बैनर के साथ न्यूनतम वेतनमान को लेकर कैंपस में मार्च निकाला तो ठीक नहीं होगा’’ न्यूनतम वेतनमान लागू करवाने की मांग लेकर गई अनुबंधित महिला शिक्षकों को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति सोमनाथ सचदेवा ने इस शब्दों में जवाब दिया। विदित है कि गत वीरवार को कुलपति ने अनुबंधित सहायक शिक्षकों के वर्षो से अटके न्यूनतम वेतनमान हेतु मिटिंग के लिए आमंत्रित किया था जिसके तय समयानुसार अनुबंधित शिक्षको के प्रतिनिधि मंडल के रूप में चार महिला सहायक प्रोफसर्स मिलने गई थी।
प्रतिनिधि मंडल में सम्मिलित डा. चंद्ररेखा ने कहा कि हमें आशा नहीं थी कि इतने बड़े संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति इस तरह की धकमी भरी प्रतिक्रिया करेंगे। उन्होंने कहा न्यूनतम वेतनमान हमारा संवैधानिक अधिकार है और हम अपना संवैधानिक अधिकार ही मांग रहे थे लेकिन उनकी मंशा हमें नहीं देनी की है तो हमें धमकी देकर मानसिक तनाव ना दें।
डा. श्वेता कश्यप ने कहा कि हम केवल अपना जायज हक मांगने गये थे लेकिन हमारी नौकरी छिन्ने का हवाला देकर वापस भेज दिया है। हमें इसकी बिलकुल उम्मीद नहीं थी। संगीता ने कहा कि हम माननीय कुलपति जी का पीएचडी कोर्सवर्क के छःह महीने की छुट्टी का नोटिफिकेशन निकालने हेतु, जोकि अनुबंधित शिक्षकों को वर्तमान तक नहीं मिली थी, अभिवादन करने आये थे लेकिन हमें ढेर सारा असमान, धमकियां देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया।
डा. योगिता सांगवान ने कहा कि मंहगाई इतनी बढ़ चुकी है और अनुबंधित शिक्षकों का न्यूनतम वेतन वर्षो से नहीं बढ़ा, जबकि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में नियमित रूप से मिल रहा है जबकि विश्वविद्यालय में नहीं मिल रहा है ऐसे में हम सब अनुबंधित शिक्षक गंभीर आर्थिक तंगी में जीवनयापन कर रहे है और विश्वविद्यालय उनकी दयनीय हालत का मजाक उड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि इनके खिलाफ कोई आवाज न उठाये इसलिए संवैधानिक पद पर बैठा विश्वविद्यालय का मुखिया धमकाने के हथियार प्रयोग कर रहे है।