सैंया भए कोतवाल का उदयपुर में हुआ सफल मंचन, कलाकारों न बटौरी वाहवाही
हरियाणा के कलाकारों की प्रतिभा के कायल हुए उदयपुरवासी
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। हरियाणा कला परिषद प्रदेश की कला और संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने में निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में हरियाणा कला परिषद की नाट्य प्रस्तुति सैंया भए कोतवाल का राजस्थान उदयपुर के भारतीय लोक कला मण्डल के 70 वें स्थापना दिवस पर मंचन हुआ। दी परफोरमर्स कल्चरल सोसायटी, उदयपुर, भारतीय लोक कला मंडल तथा हरियाणा कला परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किये जा रहे 17 वें पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति नाट्य समारोह में संजय भसीन के निर्देशन में नाटक सैंया भए कोतवाल ने हास्य और व्यंग्य से दर्शकों को आनंदित किया।
नाटक के संयोजक विकास शर्मा ने बताया कि वसंत सबनीस द्वारा लिखित नाटक सैया भए कोतवाल ने व्यवस्था पर कटाक्ष किया। कलाकारों ने दिखाया कि समय के साथ-साथ भ्रष्टाचार ने भी व्यवस्था में अपने पैर जमाए रखे है। नाटक ऐसे ही भाई-भतीजावाद की परम्परा पर चोट करते हुए समाज को आईना दिखाने का कार्य करता है। नाटक में हास्य-तथा व्यंग्य का मिला-जुला संगम देखने को मिलता है, जिसके कारण लोग इस नाटक को देखकर रोमांचित हो उठते हैं। हास्य के साथ-साथ भ्रष्ट लोगों की पोल खोलते हुए नाटक में दिखाया गया है कि लोग किस तरह भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देते हुए सत्ता ऐसे लोगों के हाथों में दे देते हैं, जो उसके काबिल ही नहीं है। ऐसे भ्रष्ट लोग अपने स्वार्थ के कारण उच्चाधिकारियों को भी नुक्सान पहुंचाने से परहेज नहीं करते ।
नाटक में ईमानदार लोगों को भी जगह दी गई है। जहां हवलदार जैसा छोटे पद का कर्मचारी अपने राजा तथा राज्य को बचाने के लिए मुसीबत मोल लेता है। इस तरह नाटक न केवल भ्रष्ट लोगों की पोल खोलता है अपितु व्यवस्था पर प्रहार करते हुए समाज को सही राह दिखाने का कार्य भी करता है। नितिन गुप्ता, चंचल शर्मा, शिवकुमार किरमच, रजनीश, गौरव दीपक जांगड़ा ,पारुल कौशिक, राजीव कुमार, आकाशदीप, विकास शर्मा, शुभम कल्याण, शम्मी, सिद्धार्थ सिद्धू, निकेता शर्मा, अनूप कुमार, संजय वशिष्ट, मनीष डोगरा आदि कलाकारों ने अपनी प्रतिभा के माध्यम से उदयपुर में हरियाणा का परचम लहराया। इस मौके पर भारतीय लोक कला मंडल के सचिव सत्यप्रकाश गौड़, निदेशक डा. लईक हुसैन, एस.एन.इंदोतिया आदि ने नाटक निर्देशक संजय भसीन तथा शशी भसीन को शाॅल तथा स्मृति चिन्ह भेंटकर आभार जताया।