न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली। नमामि गंगे की टीम ने दिल्ली में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों से मुलाकात की है। समीक्षा में यह पाया गया कि पिछली बैठकों की तुलना में लगभग सभी परियोजनाओं में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। सीवरेज प्रबंधन में दो प्रमुख परियोजनाएं पूरी की गई हैं। जिसमें भारत नगर से पीतमपुरा तक के इलाके शामिल हैं। इसके जरिए करोल बाग, शास्त्री नगर, गुलाबी बाग, रामपुरा, अशोक विहार और केशवपुरम आदि क्षेत्रों से निकलने वाले गंदे पानी को यमुना में प्रवेश करने से रोका जा सकेगा। इसी तरह एक अन्य प्रमुख परियोजना के तहत झिलमिल कॉलोनी के ट्रंक सीवर को फिर से दुरूस्त किया गया है।
इसी तरह रिठाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और कोंडली सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम लगभग आधा पूरा किया जा चुका है और दिसंबर 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। कोंडली एसटीपी के पूरा होने के बाद, शाहदरा नाले में पहुंचने वाले पानी की गुणवत्ता में काफी हद तक सुधार होगा। रिठाला में बन रहे परिधीय सीवर का काम अप्रैल 2021 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस सीवर की मरम्मत के बाद अशोक विहार और जहांगीरपुरी क्षेत्रों से निकलने वाले सीवेज पर सीधा असर पड़ेगा।
इसी तरह रिठाला क्लस्टर के एसटीपी को भी उन्नत किया जा रहा है और काम अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है। एसटीपी परिसर में पेड़ों के स्थानांतरण / प्रत्यारोपण को हटाने में आ रही अड़चन भी दूर हो गई है और उसके लिए जरूरी अनुमतियां मिल गईं हैं । ओखला के लिए बन रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की प्रगति भी अच्छी है। यह 565 एमएलडी की क्षमता वाला भारत का सबसे बड़ा एसटीपी होगा। यमुना की सफाई के लिए दिल्ली में 1384.50 एमएलडी की कुल 13 परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने की। इसके अलावा एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार सिंह, एनएमसीजी के ही कार्यकारी निदेशक डी.पी. मथुरिया, दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के सदस्य (ड्रेनेज) आर.एस. नेगी और डीजेबी के मुख्य अभियंता भी बैठक में उपस्थित थे।