आगामी 10 दिनों में ई-गिरदावरी वैरिफिकेशन का कार्य करें पूरा
ई-गिरदावरी वैरिफिकेशन के लिए ग्राम सचिव
नहरी पटवारी और कम्पयूटर ऑपरेटरों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने कहा कि जिला में मौजूद काश्त के अधीन क्षेत्र में कौन-कौन सी रबी फसलें बोई गई है, उसकी ई-गिदरावरी का काम शुरू किया जाएगा। यह कार्य मुख्यत कृषि विभाग के सहायक कृषि अधिकारी व सुपरवाईजरों द्वारा किया जा रहा है, लेकिन सरकार के निर्देशानुसार इस काम को अगले करीब 10 दिनों में निपटाने के लिए ग्राम सचिव, नहरी पटवारी और कम्पयूटर ऑपरेटरों की मदद लेकर पूरा करवाया जाएगा।
एक तरह से यह पटवारियों द्वारा की गई ई-गिरदावरी की वैरिफिकेशन की प्रक्रिया है, जो मोबाईल एप से मुकम्मल की जाएगी। पटवारियों द्वारा जो गिरदावरी की गई है उसकी भी एंट्री इसी में करनी है। एसीएस शुक्रवार को चंडीगढ़ से वीसी के माध्यम से जिला के उपायुक्त व राजस्व अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में शत-प्रतिशत रूप से फसलों की ई-गिरदावरी करने के लिए इस कार्य को करवाया जा रहा है ताकि हरियाणा को एक मॉडल बनाया जा सके। सभी जिला उपायुक्त इस अभियान का नेतृत्व करेंगे और उप कृषि निदेशक इसके नोडल रहेंगे।
मोबाईल एप से प्रदेश में करीब 80 लाख एकड़ रकबे में खड़ी रबी फसलों का रिकॉर्ड ऑनलाईन तैयार होगा। सभी उपायुक्त इस काम के लिए उपलब्ध ग्राम सचिव नहरी पटवारी और ऑपरेटर्स को लेकर शैड्यूल तैयार करवा लें और सूची बनाकर तत्काल उनकी ट्रेनिंग का काम शुरू करवाया जाए। इस कार्य में नम्बरदारों की भी मदद ले। इस कार्य में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इस काम में क्राप बुकिंग यानि किस रकबे में कौन सी फसल खड़ी है, उसका डाटा भरना है।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर ने कहा कि इन आंकड़ों से आगामी रबी फसलों की खरीद में मदद मिलेगी। क्योंकि किसानों की ओर से पोर्टल पर फसल रजिस्ट्रेशन का काम चल रहा है। राज्य सरकार के आदेशानुसार पटवारियों द्वारा की गई गिरदावरी से अलग एक ऑनलाईन समानांतर गिरदावरी की जाए। एक दिन में 100 या उससे ज्यादा एकड़ में इस काम को किया जा सकता है। मुख्य मकसद यह है कि पटवारी और दूसरे तरीकों से की गई गिरदावरी का सही-सही डाटा तैयार होगा जिससे मिस मैचिंग की समस्या दूर होगी।