न्यूज डेक्स इंडिया
जबलपुर। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125 वीं जयंती मनाने के लिए भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली ने 5 मार्च 2021 “नेताजी सुभाष चंद्र बोस : राष्ट्रवाद और युवा सरोकार” विषय पर जबलपुर, मध्य प्रदेश में एक-दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया और केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल इस समारोह के अध्यक्ष थे। इस अवसर पर आरिफ मोहम्मद खान ने नेताजी को “धीरपुरुष” की संज्ञा दी और कहा कि उन्हें निंदा, प्रशंसा या मृत्यु की चिंता नहीं थी। खान ने कहा कि नेताजी ने सर्वोच्च बलिदान का उदाहरण सबके समक्ष रखा है।
समारोह में आए श्रोताओं को संबोधित करते हुए पटेल ने कहा कि जबलपुर से नेताजी का बड़ा गहरा सम्बन्ध था और यहीं से उनके जीवन की दिशा बदली। संस्कृति मंत्री ने आगे कहा कि जबलपुर और सिवनी जेल से हमेशा उनकी स्मृतियां जुड़ी रहेंगी। पटेल ने कहा कि युवाओं के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेरणा के स्रोत हैं और युवाओं को देश एवं समाज के हित में काम करने के लिए आगे आना चाहिए। पटेल ने कहा कि नेताजी के साथ न्याय नहीं हुआ इसलिए हम अब इसकी भरपाई के लिए गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं। इसीलिए नेताजी की जयंती (23 जनवरी) को “पराक्रम दिवस“ घोषित करके उसका आयोजन पूरे देश में किया गया है।
नेताजी के भतीजे चन्द्र कुमार बोस, मेजर जनरल (रिटायर्ड) जी.डी. बक्शी, प्रोफेसर कपिल कुमार, डॉ. राघव शरण शर्मा, एस. प्रेमानंद शर्मा, देवेन्द्र शर्मा, रविन्द्र वाजपेयी और मनीष त्रिपाठी, जो सिंगापुर से इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे, इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित विशिष्ट अतिथियों और वक्ताओं में शामिल थे।