Friday, November 22, 2024
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जल, जंगल और जीवन बचाने के लिए प्राकृतिक खेती अपनाओ:आचार्य देवव्रत

by Newz Dex
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गुरुकुल के प्राकृतिक कृषि फार्म पर किसान गोष्ठी में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने की शिरकत

किसानों ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत का पुष्पवर्षा कर व पगड़ी बांधकर किया भव्य स्वागत

संदीप गौतम/न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि गुजरात में देशी गाय का पालन और प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को प्रति गाय 900 रूपये राज्य सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि दी जाती है, हरियाणा के किसान भी गो संरक्षण व प्राकृतिक कृषि को अपनाएं तो वह दिन दूर नहीं जब न केवल उनकी आय बढ़ेगी बल्कि प्राकृतिक कृषि से देशी गाय का संरक्षण, भूमि की उर्वरा शक्ति में सुधार, पर्यावरण की रक्षा, भू जल में बढ़ौतरी और लोगों को उत्तम स्वास्थ्य की सौगात मिलेगी। राज्यपाल आचार्य देवव्रत शनिवार को गुरुकुल के प्राकृतिक कृषि फार्म पर आयोजित किसान गोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता चीफ इलेक्शन कमिश्नर डॉ. दलीप सिंह ने की। किसान गोष्ठी में वरिष्ठ सामाजिक कार्यक्रर्ता डॉ. सम्पूर्ण सिंह, रिटायर्ड आईएएस राजस्वरूप फूलिया, डॉ. आरबी लांग्यान, नेहरू युवा केन्द्र से नरेन्द्र यादव, गुरुकुल के प्रधान कुलवन्त सिंह सैनी, सह प्राचार्य शमशेर सिंह सहित प्रगतिशील किसान मौजूद रहे। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि यदि जल, जंगल और जीवन को बचाना है तो प्राकृतिक कृषि को अपनाना ही होगा और इसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। प्राकृतिक खेती की उपज का मार्किट में दो से तीन गुना दाम अधिक मिलता है और इस खेती से पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है।

उन्होंने कहा कि केवल एक देशी गाय से 30 एकड़ जमीन पर प्राकृतिक खेती की जा सकती है। उन्होंने कहा कि गुजरात में डेढ़ लाख से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा है और प्राकृतिक खेती व गो संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए लगभग 3 लाख किसानों को 900 रूपये प्रति गाय के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी गई है। इससे पहले हिमाचल में भी पिछले 4 सालों में लाखों किसानों को प्राकृतिक खेती से जोडने का काम किया जा चुका है। आज लोग प्राकृतिक खेती करने के लिए उत्सुकता से इंतजार कर रहे है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस महान मिशन को आगे बढ़ाकर किसानों को खुशहाल और समृद्ध बनाने का काम करना है।

उन्होंने कहा कि किसानों को जैविक खेती और प्राकृतिक खेती के अंतर को समझना होगा, जैविक खेती से किसानों को कोई फायदा होने वाला नहीं है, इसलिए सभी को प्राकृतिक खेती को अपनाना चाहिए। देशी गाय के गोबर से प्राकृतिक खेती की जाए तो देसी गाय के गोबर से करोड़ों की संख्या जीवाणु पैदा होंगे और इन जीवाणुओं से प्राकृतिक खेती को बल मिलेगा, इससे उत्पादन कम नहीं होगा और किसानो की लागत शून्य हो जाएगी, पानी की 70 प्रतिशत बचत होगी, देशी गाय का संवर्धन होगा, मनुष्य के स्वास्थ्य को भी ठीक रखा जा सकेगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय वर्ष 2020 तक दोगुना करने के सपने को भी पूरा किया जा सकेगा।

गुरुकुल कुरुक्षेत्र का प्राकृतिक कृषि फार्म पूरी दुनिया के सामने प्राकृतिक कृषि का रोल मॉडल बनकर उभरा है और किसानों के बीच प्राकृतिक खेती की अलख जगा रहा है। बदलते दौर में प्रकृति से खिलवाड़ किया जा रहा है और आज प्रकृति को बचाने की निहायत जरुरत है। उन्होंने कहा कि लोग उत्पादन को बढ़ाने और जल्दी से उत्पादन लेने के लिए रसायनों व कीटनाशक दवाईयों का अंधाधुंध प्रयोग कर रहा है जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने, जल संरक्षण, लोगों के स्वास्थ्य को ठीक रखने, किसानों की लागत को कम करके आय को दोगुना करने और उत्पादन को बढ़ाने, लोगों को अच्छी गुणवता की खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए प्राकृतिक खेती को अपनाने की निहायत जरुरत है। इस अवसर पर कैंथल खुर्द सहित भिवानी के मिताथल और तिगड़ाना गांव के किसानों ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी का पुष्पवर्षा व पगड़ी पहनाकर भव्य स्वागत किया। गुरुकुल के प्रधान कुलवन्त सिंह सैनी ने कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. दलीप सिंह को स्मृति-चिन्ह व उपहार देकर सम्मानित किया।

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