न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र।जिंदगी में हंसना बेहद जरुरी है। आधुनिक युग में प्रत्येक व्यक्ति तनाव से घिरा रहता है, जिसके कारण उनके जीवन में हास्य का स्थान बहुत कम रह जाता है। ऐसे में हंसी के पल जुटाकर हंसना व्यक्ति को तरोताजा कर देता है। ये कहना था जिला पुलिस अधिक्षक हिमांशु गर्ग का। वे हरियाणा कला परिषद द्वारा विश्व रंगमंच दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित नाट्य रंग महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर दर्शकों को सम्बोंधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि एक वर्ष बाद सांस्कृतिक आयोजनों के द्वारा आम लोगों को मनोरंजन प्रदान करते हुए कला परिषद द्वारा शुरु किया गया नाटक महोत्सव कलाकारों के साथ-साथ आम लोगों को भी उर्जा प्रदान करेगा। सैंया भए कोतवाल के मंचन से भ्रष्ट लोगों की पोल खोलते हुए नाटक जनता को जागरुक करने का कार्य कर रहा है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला कुरुक्षेत्र में स्थित कलाकीर्ति भवन की भरतमुनि रंगशाला में। हरियाणा कला परिषद् द्वारा विश्व रंगमंच दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सात दिवसीय नाट्य रंग महोत्सव में पहले दिन नाटक सैंया भए कोतवाल का मंचन किया गया।
टक का लेखन वसंत सबनीस का रहा तथा निर्देशन कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने किया। हास्य-व्यंग्य से भरपूर नाटक को देखने भारी संख्या में लोग पहुंचे। नाटक के दौरान रंगशाला दर्शकों से खचाखच भरी रही, अधिकतर लोगों ने खड़े होकर नाटक का आनंद उठाया। इस मौके पर कोरोना महामारी से बचाव के लिए भी परिषद द्वारा इंतजाम किया गया। जहां एक ओर सभी दर्शकों से मास्क लगाए रखने के लिए कहा जा रहा था, वहीं परिषद के कर्मचारी सभी को सैनीटाईज करते नजर आए।
इस अवसर पर कुरुक्षेत्र पुलिस अधिक्षक हिमांशु गर्ग बतौर मुख्यअतिथि पहुंचे। वहीं पूर्व पुलिस अधिकारी अनिल धवन विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित रहे। नाटक के दौरान मंच संचालन मीडिया प्रभारी विकास शर्मा ने किया। नाटक से पूर्व हरियाणा कला परिषद् के निदेशक संजय भसीन ने अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। अतिथियों का अभिनंदन करते हुए भसीन ने नाट्य महोत्सव की जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा कला परिषद सदैव कला और कलाकारों के संरक्षण तथा संर्वधन के लिए कार्य कर रही है। किंतु कोरोना महामारी के दौरान कलाकारों वर्ग की आर्थिक कठिनाई को देखते हुए नाट्य रंग महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें केवल हरियाणा के कलाकारों को ही मंच दिया जा रहा है।
हास्य-व्यंग्य नाटक सैंया भए कोतवाल ने किया भ्रष्टाचार पर प्रहार, कलाकारों ने बटौरी तालियां
नाटक सैंया भए कोतवाल में व्यवस्था पर चोट करते हुए कलाकारों ने भ्रष्टाचार की पोल खोलने का कार्य किया। तमाशा शैली में मंचित नाटक में सूर्यपुर नगर की कहानी को दिखाया गया। मूर्ख राजा रणधीरा के कोतवाल के मरने के बाद सभी को नए कोतवाल की चिंता लग जाती है। जिसका फायदा प्रधान उठाता है और अपने बेवकूफ साले को कोतवाल बना देता है। राज्य का हवलदार और सिपाही नए कोतवाल को देखकर खुश नहीं होते और उसे फंसाने की तरकीब सोचने लगते हैं।
कोतवाल से बात करने पर हवलदार को पता चलता है कि उसे गाना सुनने का शौंक है। ऐसे में हवलदार अपनी प्रेमिका मैनावती के साथ मिलकर कोतवाल को फसाने की चाल चलता है और कोतवाल के आगे मैनावती के प्यार का झांसा डाल देता है। मैनावती कोतवाल से शादी करने की शर्त पर राजा का छपरी पलंग मांग लेती है। कोतवाल हवलदार और सिपाही से छपरी पलंग मंगवा लेता है। वहीं हवलदार राजा को भी इस चोरी की खबर दे देता है। छपरी पलंग आने के बाद कोतवाल जब मैनावती से शादी करने पहुंचता है तो राजा ब्राहम्ण का वेश धरकर शादी करवाने पहुंच जाता हैं, जहां दोनों की शादी हो जाती है। लेकिन बाद में नाटक से जब पर्दा उठता है तो पता चलता है कि दुल्हन मैनावती नहीं बल्कि मैनावती का शागिर्द सख्या है। अंत में राजा हवलदार से खुश होकर उसे कोतवाल बना देता है।
नाटक में कलाकारों का अभिनय, संगीत, वेशभूषा तथा संवाद सभी को रोमांचित करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे थे। नाटक के दौरान हास्य के पलों का लोगों ने खूब आनंद लिया। नाटक में कोतवाल की भूमिका में रंगकर्मी व प्राध्यापक शिव कुमार किरमच ने अपनी कलाकारी से सभी को लोटपोट कर दिया। वहीं हवलदार की भूमिका में रजनीश भनौट, मैनावती की भूमिका में पारुल कौशिक, राजा की भूमिका में नितिन गुप्ता, सिपाही गौरव दीपक जांगड़ा, सख्या राजीव कुमार तथा प्रधान की भूमिका में चंचल शर्मा ने अपनी हिस्सेदारी दी।
नाटक में शुभम कल्याण ने गायन तथा राजवीर राजू ने रिदम पर साथ दिया। अन्य कलाकारों में निकेता शर्मा, सिद्धार्थ सिद्धू, अनूप कुमार, आकाश शामिल रहे। प्रकाश व्यवस्था मनीष डोगरा ने सम्भाली। अंत में संजय भसीन और कला परिषद के अतिरिक्त निदेशक महाबीर गुड्डू ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र भेंटकर आभार जताया। इसके अतिरिक्त कोरोना महामारी के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम हरियाणवी ठहाके की प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को भी कला परिषद द्वारा सम्मानित किया गया। इस मौके पर कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की प्रभारी रेनू हुड्डा तथा कला अधिकारी थियेटर तान्या जी.एस. चैाहान, पूर्व लेखा अधिकारी अजमेर सिंह सहित कईं गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे।
गांधी शिल्प बाजार का एसपी ने किया भ्रमण
कलाकीर्ति भवन पहुंचने पर पुलिस अधिक्षक हिमांशु गर्ग ने उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र तथा वस्त्र मंत्रालय द्वारा आयोजित गांधी शिल्प बाजार का भी अवलोकन किया। एसपी ने शिल्पकारों की कृतियों की सराहना करते हुए पारम्परिक वस्तुओं के निर्माण की जानकारी भी हासिल की।
आज होगा नाटक पापकोर्न
सातद दिवसीय नाट्य महोत्सव के तीसरे दिन आज 23 मार्च को हिसार से रंगकर्मी रामनारायण द्वारा प्रस्तुत नाटक पोपकोर्न का मंचन किया जाएगा। यह जानकारी हरियाणा कला परिषद के मीडिया प्रभारी विकास शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि नाटक का लेखन आशीष पाठक द्वारा किया गया है। जींवत संगीत के साथ नाटक को बहुत ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया जाएगा।