कहा, जन भावनाओं का आदर करते हुए हठधर्मिता छोड़कर प्रधानमंत्री तुरंत रद्द करें तीनों काले कानून
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा ने कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा भारत बंद पूर्ण रूप से बंद रहा। इस बंद का व्यापारियों, दुकानदारों, कर्मचारियों और मजदूर संगठनों सहित सभी वर्गों ने समर्थन किया है। बंद को पूरे देश में मिले आपार जन समर्थन से यह साबित हो गया है कि देश की जनता किसानों के साथ है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है इसलिए प्रधानमंत्री मोदी को राजहठ छोड़कर जन भावनाओं का आदर करते हुए तीनों कृषि विरोधी काले कानून तुरंत रद्द कर देने चाहिए। अरोड़ा ने कहा कि देश का अन्नदाता पिछले चार माह से सड़कों पर आंदोलनरत है और भारतबंद ने यह साबित कर दिया है कि देश की जनता किसानों के आंदोलन का समर्थन करती है। पूरे देश में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। छोटे दुकानदानों ने भी बंद में भाग लेकर किसानों के लिए अपनी हमदर्दी दिखाई। देश में पूरी तरह ट्रांसपोर्ट व रेल यातायात ठप्प रहा। आंदोलन पूरे देश में फैल चुका है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार ने किसानों के हित के लिए तीनों काले कानून रद्द नहीं किए तो इसके गंभीर प्रणाम सामने आएंगे। हरियाणा में तो हालात यह है कि जजपा और भाजपा गठबंधन के नेता घरों में दुबके बैठे हैं। उनका इतना अधिक विरोध हो रहा है कि वे अपने हलके में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है। केवल अखबारी ब्यान देने तक गठबंधन सरकार के नेता सीमित होकर रह गए हैं।
पूर्व मंत्री ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों का प्रभाव केवल किसानों पर ही नही देश की आम जनता पर पडे़गा व कालाबाजारी बढेगी। बडे़-बडे़ पूंजीपति खाद्यान्न के गोदाम भरकर मनमाने रेट पर लोगों को खाने के लिए अन्न उपलब्ध करवाएंगें। आज देश का अन्नदाता केवल अपनी जमीन बचाने के लिए नहीं, बल्कि देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहा है। किसान आंदोलन वास्तव में देश की आर्थिक आजादी की लडाई है। उन्होंने मांग की कि सरकार तीनों काले कानूनों को तुरंत रद्द करे। किसानों को उनकी फसलों का एमएसपी पर खरीदे जाने की गारंटी का कानून बनाए, ताकि देश का अन्नदाता अपने घरों को सम्मानजनक तरीके से लौट सके।