कृष्ण कृपा गौशाला में आयोजित हुई छठे दिन की भागवत कथा
घरौंडा पालिका सचिव रवि प्रकाश व युवा नेता भाजपा प्रतीक सुधा ने किया दीप प्रज्जवलित
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के सानिध्य में श्री कृष्ण कृपा गौशाला में चल रही भागवत कथा के मंच से अमृत वर्षा करते हुए कहा कि कृष्ण साक्षात आनंद है। कृष्ण के नाम से कर्मों की बेडिय़ां कट जाती हैं। इस अवसर पर भाजपा के युवा नेता प्रतीक सुधा, नगर पालिका घरौंडा के सचिव रवि प्रकाश, प्रेम गोयल अंबाला ने भागवत जी की आरती उतारकर व पूजा अर्चना कर कथा का शुभारंभ किया। आज के कथा के यजमान कृष्ण कृपा गौशाला के प्रधान हंसराज सिंगला, सुनील वत्स, रमेश गर्ग, अनिल गर्ग, सुरेश सिंगला रहे। मंच संचालन प्रिंसीपल वत्स ने किया। आयोजकों की ओर से मुख्य अतिथि तथा अन्य गणमान्यों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।
भगवत कथा और भागवत पुराण में अंतर बताते हुए गीता मनीषी ने कहा कि भागवत कथा गीता के भावों का ही विस्तृत स्वरूप है जबकि श्री मदभगवत गीता भागवान के श्री मुख से निकली वाणी है। इस प्रकार जो स्वयं भगवान के मुख से निकली उसका नाम भगवत गीता है और यह एक दिव्य वाणी है। गीता में सार है जबकि भागवत में विस्तृत रूप से भगवान की लीलाओं को वर्णित किया गया है। कृष्ण लीला अपने आप में भगवान की अनुपम लीला है। व्यक्ति वृत्तियों और परिस्थ्तियों के बीच जकडा हुआ हो और इन हालात में कृष्ण नाम का सहारा ले ले तो उसको सब जकडऩों से मुक्ति मिल जाती है। कर्मों की बेडियां कट जाती है, जहां कृष्ण है, वहां आनंद ही आनंद है।
हर हाल में कृष्ण को अपनाए रखो तो जीवन में आनंद ही आनंद आएगा। प्रतिकूल परिस्थितियों में घबराना नही चाहिए और कृष्ण पर अटूट भरोसा रखना चाहिए। भागवत में कृष्ण की हर लीला का भाव देखने को मिलता है। उन्होने कहा कि भगवान ने गाय को आराध्य माना है। यह भागवत कथा गौसेवा और कोरोना से मुक्ति के लिए आयोजित की गई है। इस अवसर पर भागवताचार्य विष्णुकांत शास्त्री ने व्यास पीठ से भागवत कथा के माध्यम से गीता की बाल और गवाल लीलाओं का विस्तृत रूप से वर्णन किया। श्रद्धालुओं ने भागवत कथा का श्रद्धा भाव से खूब आनंद उठाया।